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चक्काजाम से जनजीवन ‘अस्त-व्यस्त’

locationनागौरPublished: Sep 18, 2018 02:05:34 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

केन्द्रीय बस स्टैंड सहित कुचामन, मकराना, डीडवाना आदि पर भी सन्नाटे की रही स्थितिमूण्डवा चौराहा से लेकर विजयवल्लभ चौराहा तक दर्जनों निजी बसें खड़ी दिनभर यात्रियों को बैठाती रही

Nagaur patrika

Life-changing from ‘Chakkajam’

नागौर. सातवें वेतनमान आयोग, नई बसों की खरीद एवं रिक्त पदों की तैनातगी के साथ ही बकाया मंहगाई भत्ता दिए जाने के मामले मेें प्रदेश सरकार की ओर से समझौता लागू नहीं किए जाने के विरोध में सोमवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत रोडवेज बसों के चक्काजाम की हड़ताल से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। मुकाम तक जाने के लिए बस स्टैंडों पर पहुंचे यात्रियों को मजबूरी में प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा। जिले के कुचामन, मकराना, जायल, गोटन, मेड़ता, डीडवाना, डेगाना एवं खींवसर आदि क्षेत्रों में बसों का ठहराव वाले स्थानों पर बसों के नहीं आने से सन्नाटे की स्थिति बनी रही। जिला मुख्यालय के केन्द्रीय बस स्टैंड पर वर्कशॉप में एक लाइन में खड़ी बसों के साथ पूरा परिसर सन्नाटे में डूबा रहा। इस दौरान केन्द्रीय बस स्टैंड पर रोडवेज संयुक्त कर्मचारी मोर्चा का धरना सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर एटक के अध्यक्ष हरीराम जाजड़ा ने कहा कि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो फिर यह हड़ताल जारी रहेगी।
जिला मुख्यालय के केन्द्रीय बस स्टैंड से संचालित होने वाली बसों के नहीं चलने के कारण हालात बेहद ही खराब रहे। केन्द्रीय बस स्टैंड परिसर में बुकिंग विंडों की सभी खिड़कियां बंद होने के कारण भूले-भटके आए परेशान यात्री कोसते हुए नजर आए। बस स्टैंड के एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक रोजाना बसों के खड़े होने वाली जगह खाली नजर आई। आगार से संचालित होने वाली कई बसें एक लाइन से वर्कशॉप परिसर में पूरे दिन खड़ी रही। दोपहर में पहुंचे कुछ यात्रियों ने रोडवेज बसों का संचालन नहीं होने के कारण सामने सडक़ों पर खड़ी प्राइवेट बसों में यात्राएं की। बसों का संचालन ठप होने के कारण यहां पर दुकानें भी बंद रही। इससे वहां पर यात्रा करने आए हुए यात्रियों को बसों का संचालन ठप होने का कारण बताने वाला भी कोई नहीं मिला।
आंखों देखा हाल: बिगड़े हालात
केन्द्रीय बस स्टैंड पर परेशान यात्री मिले। इनमें उम्र तकरीबन 55 साल, बस स्टैंड पर परेशान हालात में मिले विजयराज किसी काम से नागौर शहर आए हुए थे। उनका कहना था कि हड़ताल के कारण अब प्राइवेट बस में जाना पड़ेगा। प्राइवेट वाले मनमर्जी से जहां चाहे, वहीं उतार देते हैं, और चलाते भी सही तरीके से नहीं हैं। अहमदाबाद से वाया जोधपुर होते हुए नागौर पहुंचे यात्री की उम्र करीब 50 साल थी। यह करीब आधे घंटे से रोडवेज की बसों के बारे में पता करते रहे, लेकिन पूरे परिसर में सन्नाटा, दुकानें बंद होने के कारण कोई बताने वाला भी नहीं मिला। अहमदाबाद से जोधपुर तो पहुंच गए। वहां से नागौर तक प्राइवेट बस से पहुंचे, लेकिन उसमें भी जगह नहीं होने के कारण ढाई से तीन घंटे खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी। अब नागौर से अहमदाबाद जाने के लिए रोडवेज आए, लेकिन यहां पर हड़ताल के कारण काफी दिक्कतें हुई। निकटवर्ती गांव जिला अस्पताल दिखाने आई मांगीदेवी ने बताया कि रोडवेज बसों के नहीं चलने के कारण प्राइवेट बसों ने मनमर्जी का किराया वसूला। अब नागौर से जाने के लिए रोडवेज में कोई बस नहीं मिली। हड़ताल के बारे में भी उन्हें नहीं पता था। बस स्टैंअनिड पर ही खड़े एक और यात्री से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि प्राइवेट बसों में जाने से बेहतर है कि यात्रा ही न करें। श्चितकालीन हड़ताल की घोषणा
प्रदेश स्तरीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर चक्काजाम हड़ताल मांगे नहीं माने जाने के कारण अनिश्चितकालीन घोषित कर दी गई है। स्थानीय इकाई के एटक अध्यक्ष हरीराम जाजड़ा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मोर्चा से जुड़े सभी कर्मी अब इस हड़ताल में शामिल हो चुके हैं।
मांगें नहीं मानी तो जारी रहेगी हड़ताल
केन्द्रीय बस स्टैंड पर सोमवार को भी राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी मोर्चा का धरना जारी रहा। रोडवेज की एटक इकाई के अध्यक्ष हरीराम जाजड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत 27 जुलाई को समझौता वार्ता में हुई सहमति में शामिल प्रमुख बिंदुओं पर अमल नहीं किया। इसके लिए सांकेतिक प्रदर्शन कर विरोध भी जताया गया। इसके बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं की गई। जबकि सरकार के प्रतिनिधियों ने सभी मांगों की पूर्ति के लिए लिखित रूप से आश्वस्त किया था।
निगम को एक दिन में 12 लाख का घाटा
बसों के चक्काजाम की हड़ताल से अकेले नागौर आगार को ही करीब 12 लाख के राजस्व का झटका लगा है। जिले भर में डीडवाना, जायल एवं मेड़ता आदि क्षेत्रों में एक दिन का राजस्व राशि जोड़े जाने पर यह आंकड़ा दो से तीन गुना ज्यादा बढ़ जाता है। जानकारों का कहना है कि हड़ताल की अवधि बढ़ी तो फिर आमजन को मुश्किलों के साथ ही निगम को भी भारी-भरकम राजस्व घाटा उठाना पड़ सकता है।
निजी बस वालों ने
उठाया फायदा
हड़ताल में प्राइवेट बस संचालकों ने जमकर फायदा उठाया। यात्रियों से मनमर्जी दर किराए राशि लेकर उन्हें गंतव्यों तक पहुंचाने में लगे रहे। केन्द्रीय बस स्टैंड, विजयबल्लभ चौराहा, डेह रोड, दिल्लीगेट, मूण्डवा चौराहा, पुराना जिला हॉस्पिटल, रोड, नागौर-बीकानेर रोड पर प्राइवेट बसों सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा संख्या में खड़ी नजर आई। आम दिनों की अपेक्षा सोमवार को निजी बस चालकों को सवारियां बुलाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी।

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