अमूमन लाइसेंसी दुकानों से शराब लाकर ही बेचान किया जा रहा है। जिन गांवों में दुकान नहीं है वहां अन्य गांवों से माल पहुंच रहा है। माल पहुंचाने वाले कुरियर अलग से कमीशन काट रहे हैं। चुनावी सीजन में कमाई को देखते हुए कई नए लोग भी इस धंधे में पैर फंसा रहे हैं।
कई जगह अन्य जिलों से भी माल लाकर खपाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार को विभाग से हर माह अपना माल उठाना ही है, ऐसा नहीं होने पर पैनल्टी भुगतनी पड़ती है। लिहाजा खरीदे गए माल को कम दामों में भी बेचने का प्रयास रहता है। इसके लिए ठेकेदार कुछ ऐसे लोगों से सम्पर्क रखते हैं, जो अन्य जगहों पर उनका माल खपा सके। यह पूरा काम कमीशन आधारित रहता है।
होटलों व ढाबों की आड़ में अवैध रूप से शराब खपाई जा रही है। चुनावी सीजन में शराब की मांग भी जबरदस्त बढ़ रही है। ऐसे में सस्ते दामों पर लाकर शौकीनों को उपलब्ध करवा रहे हैं। हाइवे पर संचालित ढाबों पर आसानी से शराब मिल रही है। इस माह भी आबकारी की कार्रवाई में ढाबों पर शराब बेची जाने के मामले पकड़ में आए हैं। सख्ती के अभाव में ढाबा संचालक आसानी से शराब खपा रहे हैं।
आबकारी विभाग की ओर से इस माह सोलह मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें एक लग्जरी वाहन भी जब्त किया गया है। जिले में निरंतर गश्त व नाकाबंदी की जा रही है।
– गेमराराम, जिला आबकारी अधिकारी, नागौर