नागौर

बादलों ने दिया फसलों को जीवनदान

नागौर. इस बार सावन माह में हुई बारिश ने फसलों को संजीवनी दे दी है। मुरझाती फसलों को जीवनदान मिल गया है।

नागौरAug 22, 2018 / 11:39 am

Sharad Shukla

Discussion on topics related to agriculture in science center

नागौर. जिले में मंगलवार को हुई बारिश से जलती, मुरझाती फसलों को जीवनदान आंशिक रूप से जीवनदान मिल गया है। मकराना, कुचामन सहित अन्य जगह पर हुई बरसात ने काश्तकारों को थोड़ी खुशी दी है। आखिरकार सावन माह में पहली बार बादलों की मेहरबानी हुई, और खेतों में जमकर हुई बरसात से जलती फसलों को राहत मिली है। बाजरा,ज्वार,मूंग, मोठ, चौला, मूंगफली, तिल, कपास, ग्वार की फसलें सूखने लगी थी। जिले के मंडावासानी, छोटी खाटू, शेरानीआबाद, पावा, रेण, जारोड़ा, खाटदूबड़ी, बरनेल, पिण्डिया, साण्डिला, आकोड़ा, सुरपालिया, हिराणी, घाटवा, लूणवा, प्यावा, सिंगरावटकलां, गोदरारा, मामड़ोदा, शिवनगरी, रणसीसर, खरेश, बकवास, सानियां, रूवां, नोजलों की ढाणी, बुड़ोद, गावडिय़ों की ढाणी,बालिया, भगवानपुरा आदि क्षेत्रों बारिश नहीं होने से फसलों की हालत बिगडऩे लगी है। जगह-जगह से पत्तियां के सूखने से मुरझाए हुए पौधे नजर आने लगे हैं। किसानों से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि बारिश जल्द नहीं हुई तो यह लहलहाते खेत सूखते हुए नजर आने लगे थे। कई जगहों पर मूंग एवं मोठ तथा ज्वार व बाजरा की पीली होती पौध की वजह से पांच से दस प्रतिशत तक स्थिति खराब होने के कारण उत्पादन पर संकट उत्पन्न हो गया था। अब मंगलवार सुबह एवं रात में हुई बारिश की वजह से खेतों में पानी गिरते ही मुरझाए काश्तकार घर से बाहर निकल आए। बादलों का शुक्रिया अदा करने के साथ ही मेड़ों की स्थिति की। काश्तकारों का कहना है कि बारिश नहीं होने पर हालात सूखे सरीखे होने लगे थे। तेज बरसात के कारण मकराना, कुचामन एवं नागौर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क एवं मुख्य मार्ग पानी से भरे रहे। इसकी वजह से लोगों को आवागमन में दिक्कतें तो हुई लेकिन फसलों को राहत मिलने के साथ ही चली तेज ठंडी हवाओं ने भी सुकून का एहसास कराया।
बारिश से बदला मौसम
शहर में मंगलवार रात्रि हुई बारिश से लोगों को दिनभर की गर्मी से आंशिक रूप से छुटकारा मिला। शहर के स्टेशन रोड, पुराना हॉस्पिटल मार्ग, सोनीबाड़ी, बीकानेर रेलवे फाटक पास एवं गांधी चौक आदि क्षेत्र के मार्ग पानी से तरबतर रहे। विशेषकर पुराना हॉस्पिटल के बगल से नया शहर की ओर से जाने वाले मार्ग पर हुए गड्ढों के कारण पूरी सडक़ पर जगह-जगह मिनी तालाब बना नजर आया। रिहायशी क्षेत्रों की हालत भी बेहद खराब रही। गलियों की स्थिति सही नहीं होने के कारण हालात बेहद भी बिगड़े रहे। हालांकि बारिश होने के बाद तापमान का पारा लुढकऩे से आंशिक रूप से गर्मी से राहत जरूर मिली, लेकिन सडक़ों की बिगड़ी हालत ने इस बरसात में लोगों को परेशान भी खूब किया।
&बरसात होने से निश्चित रूप से फसलों को राहत मिली है। कई जगहों पर बारिश होने की जानकारी मिली है।
हरजीराम चौधरी, उपनिदेशक कृषि विस्तार नागौर

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