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कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टिड्डियां आ तो गईं, लेकिन घायल होने के कारण यह फसलों पर हमला नहीं कर पाई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दोनों ही विभागों के एक दर्जन से अधिक सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में डेरा डाल दिया है। फिलहाल टिड्डी दल के ऊटवालिया के आसपास गांवों में होने की जानकारी विभाग ने संबंधित क्षेत्रों में घेराबंदी कर दी है। आटोमेटिक छिडक़ाव के लिए फलौदी से दो और एक वाहन बीकानेर से मंगाया गया है। ताकी यहां पर आई टिड्डियों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए।कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डियां घायल नहीं होती तो फिर हालात विकट हो सकते थे।
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बीकानेर के रास्ते नागौर पहुंचे टिड्डी दल को मारने के लिए कृषि विभाग एवं टिड्डी नियंत्रण इकाई की टीम बुधवार सुबह गांवों में पहुंच गई। इन पर निगरानी के लिए विभाग ने कर्मचरियों को लगा रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि घायल हुए टिड्डी दल को रात में ही मारने का काम किया जाएगा, क्यों कि दिन में तो मुश्किल हो जाएगी। बताया जाता है कि करीब 400 हेक्टेयर के एरिया को टिड्डी दल ने अपने घेरे में ले रखा है। बताते हैं कि इनकी स्थिति को देखते हुए फिलहाल यह पूरी तरह से स्वथ नहीं होने के कारण पूरी ताकत से हमला करने में असमर्थ हैं, लेकिन फिर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है। पौध संरक्षण अधिकारी शंकरसिंह ने बताया कि इसलिए मामले की नाजुकता को भांपते हुए कृषि विभाग एवं टिड्डी नियंत्रण इकाई के सदस्यों ने तीन आटोमेटिक गाडिय़ों के साथ इनको मारने की रूपरेखा तैयार कर ली है।
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येाजनानुसार अवसर मिलते ही इनको पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक बीकानेर में हुए कीटनाशक के छिडक़ाव के कारण टिड्डी दल की ताकत आंशिक रूप से कम हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है। विभागीय अधिकारियों की कोशिश है कि इस पूरे दल को किसी भी सूरत में यहाीं पर समाप्त कर दिया जाएगा, अन्यथा यह बचकर निकली तो फिर काश्तकारों के लिए हालात विकट हो जाएंगे।
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पचास प्रतिशत अनुदान पर तुरन्त दवा
कृषि विभाग की ओर से संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में छीला, मूंडासर, सेवड़ी, सुभाषपुरा, सतेरण, ऊंटवालिया, गोडारण के गांवों सहित आसपास के गांवों में किसानों के लिए आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कर दी गई है। किसान मौके पर ही आवेदन भरकर दवाएं ले सकते हैं। अनुदान राशि इनके खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस संबंध में किसानों से बातचीत कर उनको छिडक़ाव करने व टिड्डियों से निपटने के तरीके भी बताए जा रहे हैं। किसानों को 240849 कंट्रोल रूम में सूचना दिए जाने के लिए कहा गया है। ताकी विभागीय मदद भी उनको मिल सके।
इनका कहना है…
टिड्डियोंको समाप्त करने की रूपरेखा तैयार कर इस पर काम शुरू कर दिया गया है।
हरजीराम चौधरी, उपनिदेशक कृषि विस्तार नागौरNagaur patrika latest news.