वन विभाग की मेड़ता रेंज के पास वाहन के नाम पर यहां केवल एक मोटरसाइकिल है, जो थोड़ी दूरी पर आने जाने में काम ली जा सकती है। इमरजेंसी के समय किराये का या निजी वाहन ले जाना पड़ता है। हिंसक जानवर आने पर व क्षेत्र में आए दिन हो रही वन्य जीव शिकार की घटनाएं रोकने व शिकारियों को पकडऩे जाते समय भी इनके पास सुरक्षा हथियार के नाम पर इनके पास सरकारी लाठी रहती है ।
तीन पंचायत समितियों में विस्तृत है रेंज
तीन पंचायत समितियों में विस्तृत है रेंज
वन विभाग की मेड़ता रेंज डेगाना, मेड़ता व रियां बड़ी तीन पंचायत समितियों में तक है। जिसमें कुचेरा से मेड़ता सिटी व मेड़तारोड़ से गच्छीपुरा तक फैला विशाल हरिण बाहुल्य क्षेत्र व कुचेरा से बाड़ीघाटी तक का वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र शामिल है। इस विशालतम क्षेत्रफल वाली रेंज के पास शिकार रोकने के लिए हथियारबंद दस्ता व दुर्घटना में घायल वन्य जीवों को रेस्क्यू करने के लिए सरकारी वाहन होना जरूरी है, लेकिन विभाग द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
इनका कहना है
इनका कहना है
हमारे पास सरकारी वाहन के नाम पर एक मोटरसाइकिल है। इमरजेंसी के समय तथा शिकार की घटना होने पर निजी या किराये का वाहन लेकर जाना पड़ता है। हथियार के नाम पर लाठी है।
दौलतराम गोदारा, रेंजर वन विभाग, मेड़ता सिटी।
दौलतराम गोदारा, रेंजर वन विभाग, मेड़ता सिटी।