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लाठी के सहारे हिंसक जानवर की तलाश

locationनागौरPublished: Dec 29, 2018 12:53:48 am

Submitted by:

Ravindra Mishra

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संसाधनों के अभाव

कुचेरा. संसाधनों का अभाव वन विभाग की टीम व वनकर्मियों के लिए खतरे से खाली नहीं है। वन विभाग की मेड़ता रेंज में सरकारी गाड़ी व हथियारों के अभाव में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को लाठी के सहारे हिंसक जानवर की तलाश करनी पड़ रही है, भले इस तलाश में उनकी जान को खतरा हो। गुरुवार व शुक्रवार को क्षेत्र में पैंथर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए पहुंची वन विभाग की टीमों के पास न तो सरकारी गाड़ी थी, न ही कोई सुरक्षा के लिए हथियार। वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को किराये की गाड़ी लेकर आना पड़ा। पैंथर के सम्भावित हमले से बचने के लिए उनके हाथों में केवल लाठियां थी।
वाहन न हथियार
वन विभाग की मेड़ता रेंज के पास वाहन के नाम पर यहां केवल एक मोटरसाइकिल है, जो थोड़ी दूरी पर आने जाने में काम ली जा सकती है। इमरजेंसी के समय किराये का या निजी वाहन ले जाना पड़ता है। हिंसक जानवर आने पर व क्षेत्र में आए दिन हो रही वन्य जीव शिकार की घटनाएं रोकने व शिकारियों को पकडऩे जाते समय भी इनके पास सुरक्षा हथियार के नाम पर इनके पास सरकारी लाठी रहती है ।
तीन पंचायत समितियों में विस्तृत है रेंज
वन विभाग की मेड़ता रेंज डेगाना, मेड़ता व रियां बड़ी तीन पंचायत समितियों में तक है। जिसमें कुचेरा से मेड़ता सिटी व मेड़तारोड़ से गच्छीपुरा तक फैला विशाल हरिण बाहुल्य क्षेत्र व कुचेरा से बाड़ीघाटी तक का वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र शामिल है। इस विशालतम क्षेत्रफल वाली रेंज के पास शिकार रोकने के लिए हथियारबंद दस्ता व दुर्घटना में घायल वन्य जीवों को रेस्क्यू करने के लिए सरकारी वाहन होना जरूरी है, लेकिन विभाग द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
इनका कहना है
हमारे पास सरकारी वाहन के नाम पर एक मोटरसाइकिल है। इमरजेंसी के समय तथा शिकार की घटना होने पर निजी या किराये का वाहन लेकर जाना पड़ता है। हथियार के नाम पर लाठी है।
दौलतराम गोदारा, रेंजर वन विभाग, मेड़ता सिटी।
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