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Nagaur patrika news. वंचित व उपेक्षितों को भी भगवान श्रीराम ने गले लगाया

locationनागौरPublished: Jan 24, 2021 10:53:58 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

नागौर. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संपर्क अभियान के अंतर्गत गांव सिंगड़ में हुई सभा में राम मंदिर सभा हुई। इसमें अभियान के संरक्षक महंत जानकीदास महाराज ने कहा कि श्रीराम धर्म के मूर्तिमंत स्वरूप है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम भारत की आत्मा है

Lord Shri Ram embraces the deprived and neglected

Lord Shri Ram embraces the deprived and neglected

नागौर. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संपर्क अभियान के अंतर्गत गांव सिंगड़ में हुई सभा में राम मंदिर सभा हुई। इसमें अभियान के संरक्षक महंत जानकीदास महाराज ने कहा कि श्रीराम धर्म के मूर्तिमंत स्वरूप है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम भारत की आत्मा है श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर भारतीय मन की शाश्वत प्रेरणा है। इसके लिए श्री राम भक्तों ने 492 वर्षों तक अनवरत संघर्ष किया है अतीत के 76 संघर्षों में 4 लाख से अधिक राम भक्तों ने अपना बलिदान दिया है। लगभग 36 वर्षों के श्रृंखलाबद्ध अभियानों के फलस्वरूप संपूर्ण हिंदू समाज ने जाति, वर्ग, भाषा, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्रवाद, आदि भेदों से ऊपर उठकर एकात्मता भाव से श्री राम मंदिर के लिए अपना त्याग और बलिदान किया है । श्रीराम 14 वर्षों तक नंगे पैर वन वन घूमे तथा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे उन्होंने वंचित उपेक्षित समझे जाने वाले लोगों को आत्मीयता से गले लगाया अपनत्व की अनुभूति कराई सभी से मित्रता की जटायु को भी पिता जैसा सम्मान दिया। इसमें मनोहर दास, मोहित बागडिय़ा, भोमसिंह गोगानाडा, संत राजू सिंह, लुंबाराम ताडा, आशु सिंह, बिजाराम मेघवाल, ओमप्रकाश जोशी, नेमाराम डांगी, प्रहलाद पुरी, मोतीराम प्रजापत, मूलाराम जोशी, भागीरथ प्रजापत, प्रवीण भांबू, मेघाराम जांगू, सेवा भारती के तहसील अध्यक्ष रवि बोथरा, करणसिंह चौहान, रमेश सियाग, ओंकार सिंह ,छोटूदास, कानाराम मेघवाल आदि थे।

गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर निकली शबद कीर्तन शोभायात्रा
नागौर. विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में सिखों के दसवें गुरू गोविन्दसिंह की जयंती मनाई गई। इस दौरान पंजाब से आए सिख भक्तों ने शबद कीर्तन शोभायात्रा निकाली। इसमें तलवारों से लैस पंच प्यारे शोभायात्रा का नेतृत्व करते हुए आगे चल रहे थे। गुरू गोविन्दसिंह के चित्रपट्ट के समक्ष पुष्पमाला पहनाकर गुरू सरणसिंह द्वारा अरदास कर सिख ग्रन्थ का प्रकाशन कर गुरुवाणी का पाठ किया गया। गुरू गोविन्दसिंह की जयंती पर देशी घी की बूंदी व पकोड़ी की प्रसादी भक्तों को वितरण की गई। इस मौके पर स्वामी कुशालगिरी महाराज ने पंच प्यारे की महत्ता समझाने के साथ गुरु गोविन्द सिंह के कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इसमें कथावाचिका ममता, पंजाब से गुरू सरणसिंह, सरबजीतसिंह, सतवन्तसिंह, सुखदीप कौर, अभिताश पंवार, परवीन्द्र कुमार, हिसार से विकास, सतपाल, अनुप, जगपाल, सुभाष, बबलू गोदारा, राजेश सशमा, पूनम गोदारा, सुनीता गोदारा, बीकानेर से जयराम , मराठा सिरहीया, सविता मराठा, लूणकरणसर से रामरतन, कैलाश, ओमनाथ, कोजनाथ, पुरखाराम, राजुराम लेखाराम गोदारा, बाडमेर से पुखराम शर्मा, अशोक शर्मा, घीनाराम शर्मा आदि मौजूद थे।

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