scriptइक्वायन किलो की कुंडी में झूले भगवान | Lord swinging in the latch of the equine kilo | Patrika News

इक्वायन किलो की कुंडी में झूले भगवान

locationनागौरPublished: Sep 18, 2021 12:15:26 am

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. जलझूलनी एकादशी के अवसर पर आज शहर के विभिन्न मठ मंदिरों से भगवान की रेवाड़ी निकाली गई्र। इस दौरान भगवान के अर्चन के साथ निकली रेवाड़ी में श्रद्धालू भजनों को गाते हुए चल रहे थे

Lord swinging in the latch of the equine kilo

Lord swinging in the latch of the equine kilo

नागौर. जलझूलनी एकादशी के अवसर पर आज शहर के विभिन्न मठ मंदिरों से भगवान की रेवाड़ी निकाली गई्र। इस दौरान भगवान के अर्चन के साथ निकली रेवाड़ी में श्रद्धालू भजनों को गाते हुए चल रहे थे। गिनाणी तालाब स्थित श्रीमल्लक्ष्मी नृसिंह मंदिर में भगवान नृसिंह को इक्यावन किलो पत्थर की कुंडी में विराजमान कर कृतिम तालाब में झुलाया गया। दौरान सभापति मीतू बोथरा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक कुमार जैन, पार्षद नवरत्नमल बोथरा, पूर्व पार्षद संपत सेन, भास्कर खजांची आदि ने भगवान का अर्चन किया। भगवान को झुलाए जाने के दौरान पवन भट्ट, नरेन्द्र कच्दावा, गोविंद व अमीचंद सुराणा आदि ने भजनों का गान किया। बख्तासागर तालाब पर स्थित सारस्वत समाज की बगीची में शहर से आने वाली सभी रेवाडिय़ों का पूजन अर्चन किया गया। सारस्वत समाज के अध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए कम संख्या में ही पूजन का आयोजित किया गया। इस अवसर पर केशव दास जी की बगीची के महंत जानकी दास महाराज विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत, मंजू सारस्वत लक्ष्मी देवी, रश्मि देवी, कैलाश सारस्वत, रामूराम सारस्वत आदि मौजूद थे। नगरसेठ बंशीवाला मंदिर की रेवाड़ी इस बार मंदिर में ही रही। पूजारी परिवार समेत श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक भगवान का अर्चन कर रेवाड़ी मंदिर परिसर में निकाली।
सकल दिगंबर जैन समाज ने किया विशेष उत्तम धर्म पूजन
नागौर. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से शुक्रवार को दस लक्षण पर्व पर उत्तम त्याग धर्म की विशेष पूजा की गई। समाज के रमेश चन्द्र जैन ने बताया कि मंदिरों में उत्तम त्याग धर्म की पूजा हुई। इससे पूर्व नकाश गेट स्थित दिगम्बर नसिया में भगवान की दुग्ध से शांतिधारा करने का सौभाग्य रमेशचन्द्र, रिखबचन्द जैन एवं तेराप ंथी दिगम्बर जैन मंदिर में भगवान की शांतिधारा करने का सौभाग्य सुशील, अरिवन्द बडज़ात्या को मिला। जैन ने बताया कि इस बार दस व्रतधारी दस लक्षण की ओर अग्रषित है। इसमें सरिता देवी बडज़ात्या, सुनीता देवी बडज़ात्या, संंतोष देवी चान्दूवाड़, संगीता चुड़ीवाल, आयुषी बडज़ात्या, नीरज सेठी एवं हिमांशु मच्छी का शुक्रवार को आठवां उपवास था। इस मौके पर नथमल बाकलीवाल ने कहा कि जीवन में अर्जन के साथ विसर्जन आवश्यक है। मिलन के अन्दर ही वियोग रहता है। धन के अर्जन और वस्तुओं के संग्रह के मूल में राग अर्थात मोह है। जबकि त्याग हमें रिग्रह से मुक्ति दिलाता है। वस्तुओं के ममत्व कम करके रिणामों में निर्मलता लाना ही त्याग का मुख्य उदेश्य है। त्याग हमारी आत्मा लगे कर्मों को कम करता है।

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