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विवादों में सरकार का महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर अभियान

locationनागौरPublished: Aug 20, 2019 11:47:48 am

Submitted by:

Dharmendra gaur

नागौर. प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर चलाया जा रहा राज्य सरकार का महात्मा गांधी ग्रामोत्थान अभियान तकनिकी खामियों के चलते विवादों में पड़ गया है। पटवारी की रिपोर्ट के बिना पट्टे बनाने पर खड़े हो रहे सवाल, ग्राम विकास अधिकारी कर चुके हैं कलमबंद असहयोग की घोषणा …

Mahatma Gandhi Gramotthan Shivir of Rajasthan Government controversy

विवादों में सरकार का महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर अभियान

प्रदेश भर में 15 अगस्त से हुआ है शिविरों का आगाज, राज्य में ग्राम विकास अधिकारियों के 9891 पद है स्वीकृत, प्रदेश भर में 2140 पद रिक्त होने के कारण बढ़ सकती है परेशानियां
धर्मेन्द्र गौड़ @ नागौर. प्रदेश में ग्र्राम पंचायत स्तर पर चलाया जा रहा राज्य सरकार का महात्मा गांधी ग्रामोत्थान अभियान तकनिकी खामियों के चलते विवादों में पड़ गया है। प्रदेश भर में ग्राम विकास अधिकारियों ने पटवारी की बिना रिपोर्ट पट्टे जारी करने को गैर कानूनी व भविष्य में विवाद का कारण मानते हुए पट्टे जारी करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सरकार के अभियान के जरिए पट्टे जारी करने का उद्देश्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त पद व अतिरिक्त कार्य भार से काम का बोझ बढऩा भी एक बड़ा कारण है जिसका प्रभाव अभियान के क्रियान्वयन पर पड़ सकता है। 15 अगस्त से अभियान का आगाज होने के साथ ही ग्राम विकास अधिकारी कलमबंद असहयोग की घोषणा भी कर चुके हैं। Gram Panchayat news nagaur


ऐसे तो कोई भी जारी करवा लेगा पट्टा
ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि बिना पटवारी की रिपोर्ट पट्टा जारी किया जाना न केवल अवैध है बल्कि इससे भविष्य में कानूनी पेचिदगियों का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के अभाव में कोई भी व्यक्ति अंगोर, आड, गोचर में पट्टा जारी करवा सकता है,जिससे गांवों में भी आपस में विवाद की स्थिति बनेगी। पूर्व में अभियान के दौरान पट्टा विलेख जारी करने में आने वाली प्रक्रियात्मक जटिलताओं एवं व्यावहारिक समस्याओं के संबंध में संगठन ने सरकार को अवगत करवाया था और वर्तमान में ग्राम पंचायत स्तर पर विक्रय विलेख जारी करने की लंबित पत्रावलियां प्रक्रिया की स्पष्टता के कारण लंबित है। सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश नहीं दिए जाने तक 2 अक्टूबर 19 तक चलने वाले शिविरों में कलमबंद असहयोग की चेतावनी दी है। delimitation of Grampanchayat


प्रदेश भर में रिक्त पदों की स्थिति
प्रदेश भर में ग्राम विकास अधिकारियों के 9891 में से 2140 पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक 120 पद उदयपुर, 108 अलवर व 107 नागौर में रिक्त हैं जबकि दौसा में सबसे कम 25 पद रिक्त हैं। विधानसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में प्राप्त जानकारी के अनुसार अजमेर में 66, अलवर में 108, बारां में 63,बांसवाड़ा में 94, भरतपुर में 98, बाड़मेर में 91, भीलवाड़ा में 85, बीकानेर में 73, बूंदी में 59, चित्तौडगढ़ में 72, चूरू में 54, दौसा में 25, धौलपुर में 41, डूंगरपुर में 63, गंगानगर में 40, हनुमानगढ़ में 28, जयपुर में 70, जैसलमेर में 36, जालोर में 43, झालावाड़ में 90, झुंझुनू में 70, जोधपुर में 85, कोटा में 20, करौली में 35, नागौर में 107, पाली में 62, प्रतापगढ में 46, राजसमंद में 58, सवाई माधोपुर में 50, सीकर में 76, सिरोही में 53, टोंक में 57,उदयपुर में 120 पद रिक्त हैं। Nagaur Panchayat News

रिपोर्ट के बिना पट्टे देना असंभव
शिविरों में पटवारी की रिपोर्ट लिए बिना पट्टे जारी किए जाने हैं, जो कि अनुचित है। संघ ने बिना रिपोर्ट के पट्टे बनाने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के अभाव में कोई भी किसी भी अंगोर,गोचर व दूसरे की जमीन का पट्टा बनवा लेगा, जिससे विवाद की स्थिति बनेगी।
महावीर शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ, जयपुर

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