एक प्रकार से एनपीएस पेंशन योजना ना होकर शेयर बाजार आधारित शत-प्रतिशत असुरक्षित म्यूच्यल फंड योजना है, जिसमें सेवानिवृत्ति के समय पेंशन की कोई गारंटी नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन, जो अंतिम मूल वेतन के 50 प्रतिशत की गारंटी है। राजस्थान में करीब 4 लाख कर्मचारी और भारत में करीब 60 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, इनमें ऊंचे से ऊंचा अधिकारी एवं छोटे से छोटा कर्मचारी एवं अर्ध सैनिक बल शामिल हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि यह पेंशन स्कीम उनका बुढ़ापा खराब कर देगी। क्योंकि इस स्कीम से जुड़े जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें जो पेंशन मिल रही है, उसे पाकर वे अपने आप को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
एनपीएस में शेयर बाजार आधारित पेंशन कम्पनियों द्वारा भुगतान किया जाता है। इसमें सेवानिवृत्ति पर शेयर बाजार के आधार पर भुगतान राशि पर 30 प्रतिशत इनकम टेक्स देना होगा। साथ ही सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस जमा फंड से 40 प्रतिशत राशि किसी एक पेंशन कम्पनी में निवेश करना पड़ेगा।
कर्मचारियों का कहना है कि एनपीएस की जमा राशि वे खाते में देख तो सकते हैं, लेकिन जरूरत पडऩे पर उसका उपयोग नहीं कर सकते। 4 प्रतिशत भी नहीं पेंशन
केस- 1
अलाय निवासी केसाराम गोदारा ने करीब 42 वर्षों तक डाक विभाग में नौकरी की। वर्ष 2010 में उनका स्थायीकरण हुआ और करीब एक साल पहले सेवानिवृत्त हुए तब 32 हजार से अधिक वेतन था। लेकिन जब पेंशन शुरू हुई तो मात्र 1240 रुपए मिले। पेंशन की राशि देखकर केसाराम को झटका लगा। विभागीय अधिकारियो से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि इतनी ही पेंशन मिलेगी। वर्तमान में गोदारा लकवा बीमारी से ग्रस्त हैं।
नागौर सैनिक कल्याण बोर्ड में करीब 15 वर्ष नौकरी करने के बाद गत 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए शंकरसिंह ने बताया कि एनपीएस में पेंशन नहीं मिली, केवल शोषण होता है। उन्होंने बताया कि वे पहले सैनिक थे और सैनिक कोर्ट से ही वापस सैनिक कल्याण बोर्ड में लगे। हाल ही जब सेवानिवृत्त हुए तब 36 हजार रुपए महीना वेतन उठा रहे थे, लेकिन पेंशन 2 हजार मिल जाए तो बड़ी बात होगी।
एनपीएस किसी भी एंगल से कर्मचारियों के लिए ठीक नहीं है। इस योजना में सरकार कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई शेयर मार्केट में लगा रही है, जिसके कारण सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी अपने आप को ठगा-सा महसूस करते हैं। हमारा संगठन लगातार इसका विरोध कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।
– जुगल जाखड़, प्रदेश उपाध्यक्ष, न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान