शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।
शहर के प्रसिद्ध बंशीवाला में पूजा अर्चना की। इसके बाद सिर पर मंगल कलश धारण किए किन्नर विभिन्न मार्गों से होते हुए सम्मेलन स्थल पहुंचे। सम्मेलन के तहत निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए। इनका स्वागत करने के लिए पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर मंच लगाए गए और लोगों ने फूल बरसाकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले समाज की ओर से बंशीवाला मंदिर में चांदी का बड़ा छत्र चढाया गया था।