scriptबिना दहेज बेटे व बेटी की शादी | Marriage without dowry son and daughter | Patrika News

बिना दहेज बेटे व बेटी की शादी

locationनागौरPublished: Nov 21, 2018 05:24:54 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

नगर परिषद कर्मचारी ने पेश की मिसाल

nagaur news

बिना दहेज बेटे व बेटी की शादी

नागौर. शादियों का सीजन शुरू हो चुका है और शहर में चारों तरफ बैंड-बाजा की धूम है। वर पक्ष सज-धज कर बैंड बाजा के साथ बारात लेकर पहुंच रहे हैं, वहीं घराती भी बारातियों की खातिर में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वधू पक्ष के लोग लाडो की शादी को यादगार बनाने के लिए हर संभव जतन कर रहे हैं। इन सबके बीच शहर में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय रही। आम तौर पर बिना दहेज एक रुपया व नारियल का शगुन लेकर शादी की खबरें रहती है लेकिन नागौर में एक परिवार ने बेटे की शादी में दहेज नहीं लिया और ना ही बिटिया को दहेज में कुछ दिया।
यह पहल की है नगर परिषद में स्वच्छता निरीक्षक अनिल कुमार ने। उन्होंने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। हरिजन बस्ती निवासी अनिल कुमार ने बताया कि गत 17 नवम्बर को बिना दहेज घर में बहू आई और इसके बाद 19 नवम्बर को बिटिया के हाथ पीले किए, लेकिन बिना किसी प्रकार का दहेज दिए। समाज में व्याप्त दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए हमारे परिवार ने यह निर्णय लिया। हालांकि यह कार्य इतना आसान नहीं था, लेकिन मैंने बेटी के ससुर जोधपुर निवासी अमृतलाल चांवरिया (मुखर्जी) व बेटे के ससुर नागौर निवासी सूर्यप्रकाश गुजराती के परिवार को प्रोत्साहित कर इसके लिए राजी किया। बातचीत के बाद वे भी समाज में एक अच्छा संदेश देने के लिए बिना दहेज शादी करने को राजी हो गए।

घर से ही हो शुरुआत
अनिल कुमार के समधी सूर्यप्रकाश गुजराती का कहना था कि अपनी हैसियत के अनुसार बेटी को दहेज देने की परम्परा बरसों पुरानी है। दहेज नहीं देने वाले परिवार को समाज में अलग नजरों से देखा जाता है। समधी अनिल कुमार ने कहा कि सब कहते हैं कि दहेज जैसी कुप्रथा खत्म होनी चाहिए, लेकिन इस बात पर अमल कोई नहीं करता। इसकी शुरुआत हमें घर से करनी चाहिए, ताकि दूसरे लोग भी इससे प्रेरणा ले। उनकी बात का मेरे मन मस्तिष्क पर गहरा असर हुआ और मेरा परिवार भी बिना दहेज दिए शादी करने को राजी हो गया।

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