बाजरा, मक्का, जौ से बने व्यंजनों के माध्यम से समझाई पोषण आहार की महत्ता बोर्ड ने साथ ही ये भी कहा कि स्टैंडर्ड गणित पेपर नहीं देने पर विद्यार्थी कक्षा 11वीं में गणित का चयन नहीं कर सकेंगे। जिन छात्रों को इंटर मीडिएट में गणित की पढ़ाई नहीं करनी है। वह इस सत्र से 10वीं में बेसिक गणित पढ़ेंगे। इससे इंटरमीडिएट में फिजिक्स, केमेस्ट्री व गणित नहीं ले पाएंगे। इस सत्र से 10वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स लेने वाले छात्र ही इंटरमीडिएट में मैथ्स लेकर आगे पढ़ाई कर पाएंगे। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि गणित में छात्र अधिक संख्या में फेल हो रहे थे।बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि मैथमेटिक्स का सिलेबस चेंज नहीं होगा। सिलेबस एक की होगा, लेकिन दोनों के पेपर डिफिकल्टी लेवल चेंज होगा। बेसिक मैथ्स पेपर आसान होगा और स्टैंडर्ड मैथ्स पेपर का डिफिकल्टी लेवल हाई होगा। इसके साथ ही कॉन्सेप्ट बेस्ड होगा। इसलिए बोर्ड ने सलाह दी है कि मैथ्स में वीक स्टूडेंट्स बेसिक का ही चयन करें।
चेतावनी से बेखौंफ संचालन में लगे निजी अस्पताल-लैबदोनों की परीक्षा अलग होगीबोर्ड ने बेसिक और स्टैंडर्ड दोनों का एग्जाम अलग करने का फैसला लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्टूडेंट्स में किसी तरह का भ्रम न हो इसलिए परीक्षा अलग होगी। विद्यार्थियों की ओर से लेवल चयन करने वाले विषय को ही उनकी मार्कशीट में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की काउंसलिंग भी की जा रही है। विद्यार्थियों को यह भी समझाया जाता है कि उनको स्टैंडर्ड मैथ लेनी चाहिए, क्यों कि उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में स्टैंडर्ड गणित की पढ़ाई ही काम आएगी। 1 से 8वीं क्लास तक विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जा रहा। इसलिए मैथ्स को दो हिस्सों में बांट दिया, इससे बेसिक और स्टैंडर्ड है।
बत्तीस फ्रीक्वेंसी की 300 एमए में ग्रीड टेक्नॉलिजी में होगा एक्सरेइनका कहना है…बोर्ड ने गणित के दो लेवल कर दिए हैं। इनमें एक बेसिक और दूसरा स्टैंडर्ड। ताकी बच्चे अपनी रूचि के अनुसार न केवल पढ़ाई कर सकें, बल्कि गणित का फोबिया भी उनमें न रहे।
मनीष पारिक, कलस्टर इंचार्ज एवं संस्था प्रधान राजकीय विवेकानंद मॉडल स्कूल नागौर