नागौर

दूध में मिलावट एक मिनट में पता चल जाएगी

नागौर. सरस डेयरी ने अत्याधुनिकीकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। अब सभी संग्रहण केन्द्रों पर आने वाले दूध के नमूनों की जांच के लिए लगने वाली मिल्कोस्क्रीन महज एक मिनट में दूध की पूरी गुणवत्ता को दर्शा देगा।

नागौरAug 19, 2018 / 12:51 pm

Sharad Shukla

Milk adulteration will be found in one minute

नागौर. दुग्ध के उत्पादों को और बेहतर करने के लिए सरस डेयरी के सभी संग्रहण केन्द्रों पर मिल्को स्क्रीन लगेगी। इससे न केवल दुग्ध की सभी गुणवत्ता की जांच एक मिनट से भी कम समय में हो सकेगी, बल्कि एक घंटे में ही 100 से ज्यादा नमूनों की जांच की जा सकती है। करीब साढ़े तीन लाख रुपए की यह मशीन 50 से ज्यादा संग्रहण केन्द्रों पर लगाई जाएगी। डेयरी प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल डेयरी के उत्पाद गुणवत्ता पर 100 प्रतिशत खरे उतरेंगे, बल्कि उनकी उत्पादन क्षमता भी पहले से तीन गुना बढ़ जाएगी।
नेशनल प्रोग्राम ऑफ डेयरी डेवलपमेंट (एसपीडीटी) के तहत डेयरी का का आधुनिकीकरण किए जाने की कवायद तेज कर दी गई है। डेयरी की ओर से इस योजना के तहत ही केन्द्र सरकार को संग्रहण केन्द्रों पर मिल्कोस्क्रीन मशीन लगाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव में जिले के संग्रहण केन्द्रों में वर्तमान में उपलब्ध जांच सुविधा को बताए जाने के साथ ही इसके लगने पर होने वाले गुणवत्ता की स्थिति व बेहतर उत्पादन होना दर्शाया गया। प्रस्ताव के माध्यम से यह भी कहा गया कि इससे डेयरी के उत्पादों में गुणवत्ता उच्चतम होने के साथ ही किसानों के लिए यह काफी बेहतर साबित होगा। डेयरी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव से जुड़े बिंदुओं की स्क्रीनिंग करने के बाद मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों ने इसकी प्रशासनिक स्वीकृति देने के साथ ही केन्द्र को इसे भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि केन्द्र ने इस प्रस्ताव को मंजूर करने के साथ ही इसकी वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी है। जल्द ही इसकी उपलब्धता होने पर संग्रहण केन्द्रों में इसे लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
एक मशीन की लागत साढ़े तीन लाख
डेयरी प्रशासन की ओर से जिले में स्थापित संग्रहण केन्द्रों के क्षेत्रों को कुल तीन जोनों में बांटा गया है। इनमें कुचामन, मेड़ता एवं नागौर शामिल हैं। मशीन इन्हीं जोनों में स्थापित संग्रहण केन्द्रों में लगाई जाएगी। कुल संग्रहण केन्द्रों पर लगभग एक करोड़ 96 लाख लागत की 56 मशीनें लगाई जाएंगी। इसकी जांच के लिए वहां पर बाकायदा कर्मचारियों की तैनातगी रहेगी।
अब नहीं हो पाएगी दूध में मिलावट
मशीन लगने के बाद दुग्ध में मिलावट है कि नहीं, इसमें कितना फैट है, और शुगर आदि का मिश्रण तो नहीं है कि जांच केवल एक मिनट में ही जाएगी। जबकि अभी तक शूगर, यूरिया, जल एवं अन्य प्रकार के मिलावट की जांच के लिए अलग-अलग स्ट्रिच इस्तेमाल की जाती है। इसमें एक ही नमूने की जांच के लिए 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है। इसमें न केवल समय ज्यादा लगता है, बल्कि इसके लिए मानव संसाधन का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ रहा है। मशीन लगने के बाद इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
अधिकारी कहिन…
जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के चेयरमैन किशनलाल भींचर ने बताया कि इस मशीन के लगाने के बाद डेयरी के उत्पादों की गुणवत्ता 100 प्रतिशत रहेगी। इसमें किसी भी प्रकार के मिलावट की जांच बिंदुवत प्वाइंटों में सामने आ जाएगी। इससे यह डेयरी भी अत्याधुनिक डेयरियों की श्रेणी में शामिल हो जाएगी।

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