नागौर

रहवासी इलाके और मंदिर की तलहटी तक हो रहा खनन

राजस्थान पत्रिका एक्सपॉज
हेमन्त जोशी
कुचामनसिटी (nagaur). ब्लास्टिंग से तेज धमाकों के साथ बिखर रहे पत्थरों के बीच आमजन की आवाज भी दब गई है। आबादी के बीच स्थित खानें जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं।खनन का विस्तार होने के चलते विद्युत निगम का जीएसएस और माताजी के प्राचीन मंदिर का अस्तित्व भी अब खतरे में है। इसके बावजूद ना तो प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है और ना ही खनिज विभाग की ओर से कोई कदम उठाया जा रहा है।

नागौरOct 14, 2021 / 07:19 pm

Ravindra Mishra

कुचामन पंचायत समिति के ग्राम हुडील में रहवासी मकानों के पास हो रहा खनन।

लीज धारक खान क्षेत्र के बाहर भी कर रहे हैं खनन

यही कारण है कि लीजधारक रहवासी घरों के नीचे तक खनन कर रहे हैं। जिससे कुछ घरों में आए दिन नुकसान भी होता है।

निकटवर्ती ग्राम हुडील में आबादी के पास स्थित खनन क्षेत्र अब ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। खान मालिकों के आगे आमजनता की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। दर्जनों घरों की आबादी से महज 20 मीटर की दूरी पर ही ब्लास्टिंग करने के साथ ही खनन किया जा रहा है। खानधारी पहाड़ी की लीज पर रात के समय ब्लास्टिंग कर रहे हैं, जिसके पत्थर उछलने से कई मर्तबा घरों में नुकसान हो गया है। कुछेक घरों की दीवारों में भी दरारें आ गई है। ग्रामीणों की मांग पर सरपंच की ओर से भी कई मर्तबा प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरपंच कल्पना ने बताया कि खान क्षेत्रों में कहीं ढाई सौ तो कहीं तीन सौ फीट की गहराई तक खनन किया जा चुका है। इधर पास रहने वाली रहवासी मकानों में भी खनन से नुकसान होने संभावना बढ़ गई है। ग्रामीणों ने बताया कि खनन क्षेत्र के पास ही प्राचीन माताजी का मंदिर और बालाजी का मंदिर भी है। इसके बावजूद खानधारकों की ओर से अपने लीज क्षेत्र से बाहर खनन किया जा रहा है। आस-पास कई अनुसूचित जाति के कई घर और दक्षिण दिशा में सरकारी जीएसएस व जीण माता मंदिर तक खनन किया जा रहा है। जिससे जीएसएस की दीवारें भी गिरने के कगार पर आ गई है।
**गौचर भूमि को बना रहे बंजर

ग्रामीणों ने बताया कि खानधारकों की ओर से हुडील से चारणवास तक जुड़ी हुई गौचर भूमि पर भी अवैध खनन करने के साथ ही उसमें मलबा व पत्थर डाल दिए हैं। जिससे यह गौचर भूमि बंजर हो रही है। गौचर भूमि में ही खनिज क्षेत्र के लिए रास्ते बना दिए गए है। खनिज विभाग की ओर से भी इन खानों का सीमांकन नहीं किया जा रहा है, जिससे लीजधारक अपनी खानों के बाहर भी खनन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं।
** ब्लास्टिंग से होता है भूकम्प का अहसास

ग्रामीणों के अनुसार खनिज क्षेत्र में रात के समय ब्लास्टिंग से पत्थर तोड़े जाते हैं। जिससे रात को सोते समय भूकम्प का अहसास होता है और तेज धमाकों की आवाज से नींद उड़ जाती है। ब्लास्टिंग से खान क्षेत्र में कई बार पक्षी व मवेशी काल-कलवित हो जाते हैं। जबकि नियमानुसार आवासीय भवन एवं आवासीय क्षेत्र से करीब 175 मीटर की दूरी तक खनन नहीं किया जा सकता है।
** सरकार से लगाई कार्रवाई की गुहार
ग्रामीण भंवरलाल बावरी, प्रहलाद बावरी, रामकुमार सैन सहित अन्य लोगों ने पिछले दिनों जिला कलक्टर से दौरे के दौरान अपनी समस्या से अवगत करवाने के साथ ही आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व मुख्यसचिव को पत्र भिजवा कर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
इनका कहना-

खनन अब आबादी के नजदीक आ गया है। ऐसे में कभी भी जनहानि हो सकती है। जिसके चलते खनिज विभाग को इस पर कार्रवाई कर खनन बंद करवाना चाहिए।
कल्पना

सरपंच, ग्राम पंचायत हुडील
आबादी क्षेत्र में खनन के मामले की मेरे पास शिकायत नहीं आई है। यदि ऐसा हो रहा है तो टीम को मौके पर भिजवा कर जांच करवाने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

ब्रह्मलाल जाट
उपखण्ड अधिकारी, नावां
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