लीजधारकों की कारस्तानी
खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को ई रवन्ना दी जाती है लेकिन लीज धारकों ने एक कदम आगे बढते हुए पेट्रोल पम्प के लिए डीजल परिवहन करने वाले टैंकर की भी ई रवन्ना जारी कर दी। विभाग की ओर से जारी ई रवन्ना को देख टेंकर मालिक भी आश्चर्यचकित है। जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग ने गत दिनों खनिज विभाग की ओर से ओवरलोड को लेेकर जारी ई रवन्ना की सूची में शामिल (डिफाल्टर)2200 वाहनों को सॉफ्टवेयर में ब्लॉक कर दिया था। शास्ति नहीं चुकाए जाने तक वाहन का परिवहन विभाग से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं हो सकेगा। उधर, टैंकर मालिक का कहना है कि टैंकर का उपयोग केवल डीजल परिवहन में ही किया जा रहा है।
ऐसे चल रहा था खेल
इसी बीच 11 मार्च को प्रादेशिक परिवहन कार्यालय अजमेर की ओर से मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अंतर्गत नोटिस जारी कर ई रवन्ना के अनुसार क्षमता से अधिक भार परिवहन किए जाने पर करीब 6 लाख 94 हजार रुपए जमा करवाने के लिए कहा है। जानकारों की मानें तो खानों से मिनरल्स ले जाने वाले वाहन चालक अपने वाहन के बजाय किसी दूसरे वाहन के नम्बर से ई रवन्ना बना लेते, ताकि ओवरलोड का जुर्माना उन पर नहीं लगे। कर्मचारी भी बिना गाड़ी की आरसी व नम्बर देखे उसी नम्बर का ई रवन्ना बना देते। मामला पकड़ में आने के बाद अधिकारी भी चकित है। हालांकि अब आरसी ऑनलाइन करने के बाद ही ई रवन्ना काटी जा सकती है।
प्रकरण की जांच करवाएंगे
अगर ऐसा कोई मामला सामने आया है तो प्रकरण की जांच करवाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
धीरज पंवार, खनि अभियंता, नागौर