दिव्य आत्मा थी मीरा : महंत प्रताप पुरी रजत रेवाड़ी स्थापना व ध्वजारोहण के बाद मीरा स्मारक में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें बाड़मेर के तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी महाराज, नांद पुष्कर के राजऋषि समताराम महाराज, बल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत, भैरुंदा प्रधान जसवंत सिंह ने भक्त शिरोमणि मीरा की पूजा-अर्चना कर समारोह का शुभारम्भ किया।
तारातरा मठ के महंत ने कहा कि हम सब लोग अपनी आस्था और मीरा की भक्ति से जुड़े हुए हैं। अपनी जड़ों से जुड़कर कुछ नया सृजन करना चाहते है। ऐसी पावन धरा, ऐसा पवित्र समाज और पवित्र देश हम सबको सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मीरा एक दिव्य आत्मा थी। वो त्याग, विश्वास, भक्ति, समर्पण, श्रद्धा, सत्य की प्रतिमूर्ति थी। मीराबाई ने जो यश-कीर्ति हासिल की वो हमारे मानस पटल पर आज भी अमिट है। इस दौरान विधायक शक्तावत ने कहा कि भक्त शिरोमणि मीराबाई ने कई कष्ट झेलकर भगवान की भक्ति की और अपनेआप को पाया। यहां के कण-कण में भक्ति समाई हुई है। कार्यक्रम में पूर्व प्रधान भंवरसिंह, शिवप्रताप सिंह ईडवा, किशन सिंह चांपावत, क्षत्रिय सेवा समिति डेगाना राजपूत समाज के अध्यक्ष अजीत सिंह, झगड़ावास सरपंच छोटूसिंह, शिम्भुसिंह तिलानेस, हरदयाल सिंह, भवानी सिंह, गोपाल सिंह, हनुमान सिंह, गुलाब सिंह सहित बड़ी संख्या में राजपूत समाज के महिला-पुरुष मौजूद रहे।
तारातरा मठ के महंत ने कहा कि हम सब लोग अपनी आस्था और मीरा की भक्ति से जुड़े हुए हैं। अपनी जड़ों से जुड़कर कुछ नया सृजन करना चाहते है। ऐसी पावन धरा, ऐसा पवित्र समाज और पवित्र देश हम सबको सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मीरा एक दिव्य आत्मा थी। वो त्याग, विश्वास, भक्ति, समर्पण, श्रद्धा, सत्य की प्रतिमूर्ति थी। मीराबाई ने जो यश-कीर्ति हासिल की वो हमारे मानस पटल पर आज भी अमिट है। इस दौरान विधायक शक्तावत ने कहा कि भक्त शिरोमणि मीराबाई ने कई कष्ट झेलकर भगवान की भक्ति की और अपनेआप को पाया। यहां के कण-कण में भक्ति समाई हुई है। कार्यक्रम में पूर्व प्रधान भंवरसिंह, शिवप्रताप सिंह ईडवा, किशन सिंह चांपावत, क्षत्रिय सेवा समिति डेगाना राजपूत समाज के अध्यक्ष अजीत सिंह, झगड़ावास सरपंच छोटूसिंह, शिम्भुसिंह तिलानेस, हरदयाल सिंह, भवानी सिंह, गोपाल सिंह, हनुमान सिंह, गुलाब सिंह सहित बड़ी संख्या में राजपूत समाज के महिला-पुरुष मौजूद रहे।
मंदिर में शुरू हुआ खड़ी सप्ताह मीरा महोत्सव के शुभारम्भ के साथ ही चारभुजा मंदिर में खड़ी सप्ताह (अखंड हरि-कीर्तन) का शुभारम्भ हुआ। पहली बार राजपूत समाज की महिलाएं भी खड़ी सप्ताह में शामिल हुई। यहां अलग-अलग समाज की महिलाओं ने चारभुजा नाथ, भगवान श्रीकृष्ण और मीराबाई के भजन गाए।