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खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने फिर लगाए सरकार पर गंभीर आरोप, जानिए क्या है मामला

locationनागौरPublished: Apr 27, 2018 09:28:04 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

राजस्थान सरकार ने पहले घोषणा की, फिर नियमों की दुहाई देकर लागू नहीं किया राहत पैकेज,विधायक बेनीवाल ने कहा, सरकार का दोगलापन आया सामने..

hanuman beniwal

खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

-वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से नष्ट फसल की एवज में घोषित किया था राहत पैकेज
नागौर. वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए प्रभावित किसानों को आर्थिक पैकेज घोषित किया गया परन्तु एसडीआरएफ नियमों में पैकेज से अधिक सहायता राशि हो जाने के कारण सरकार द्वारा घोषित पैकेजे लागू ही नहीं हो पाया। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के सवाल पर आपदा एवं राहत प्रबंधन विभाग ने यह जानकारी दी है। विधायक बेनीवाल ने अपने सवाल में वर्ष 2015-2018 तक अभावग्रस्त घोषित क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज के सम्बंध में जानकारी चाही थी।
अभावग्रस्त घोषित करने का मापदंड
बेनीवाल के सवाल पर सरकार से मिले जवाब के अनुसार 50 प्रतिशत या अधिक खराबे की गिरदावरी रिपोर्ट आने पर राजस्थान अफेक्टेड एरिया (सस्पेंसन ऑफ प्रोसिडिंग ) एक्ट 1952 की धारा 3 व 4 में प्रदत शक्तियों का प्रयोग करके सम्बंधित क्षेत्रों को अभावग्रस्त घोषित किया जाता है, जबकि फसल खराबे की एवज में 2016 से लेकर 2018 तक किसी भी प्रकार का आर्थिक पैकेज सरकार ने जारी नहीं किया। गौरतलब है कि प्रदेश भर में 2015 में ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी थी,
ओलावृष्टि से हुआ था नुकसान
विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावित खराबे का आंकलन कर सरकार तक रिपोर्ट पहुंचाई थी। उसके बाद सदन में सरकार ने विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी लेकिन बाद में नियमों की आड़ में घोषित पैकेज को सरकार ने लागू नहीं किया। विधायक बेनीवाल ने कहा कि 2015 में ओलावृष्टि से फसल खराबे के बाद सरकार ने विधानसभा में घोषित पैकेजे किसानों को देने की बात कही थी लेकिन बाद में नियमों का हवाला देकर आर्थिक पैकेज बहुत कम कर दिया, इससे सरकार का दोगलापन सामने आ गया है। सरकार वास्तव में किसानों के हालात को समझती तो राज्य आपदा प्रबंधन राहत कोष में आड़े आ रहे नियमों में बदलाव कर सकती थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

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