विधायकों में होगा आपस में टकराव
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नवगठित विधानसभा में शपथ ग्रहण होते ही गृह समिति (हाउस कमेटी) का गठन होता है और उस कमेटी की सिफारिशों व नियमों के मद्देनजर नव निर्वाचित सदस्यों को आवास आवंटित होते हैं। कैलाश मेघवाल ने अनियमितता करके आवास आवंटित कर दिए। ऐसे में गृह समिति आवंटन में बदलाव करेगी तो विधायकों में आपस में टकराव होगा और कैलाश मेघवाल ने जान-बूझकर व भ्रष्टाचार करके इस तरह के अनैतिक कार्य किए जो संसदीय परम्पराओं के विपरीत है। बेनीवाल ने कहा कि कैलाश मेघवाल ने ही पूर्व मूख्यमंत्री पर 5 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और अध्यक्ष पद के लिए फिर उनसे ही समझौता कर लिया।
मेघवाल ने किया भ्रष्टाचार
बेनीवाल ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद और 12 दिसम्बर को राज्यपाल द्वारा 14 वीं विधानसभा भंग कर देने के बावजूद मेघवाल वित्तीय स्वीकृतियों सहित कई कार्य कर रहे हंै जिसकी जांच के लिए हम प्रथम सत्र में ही मांग करेंगे। बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक व गरिमामय पद पर रहने के बावजूद उन्होंने सदन की गरिमा को तार-तार किया और विपक्ष का संरक्षण नहीं किया। बेनीवाल ने प्रश्नों की लॉटरी में मनमर्जी का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए कैलाश मेघवाल द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए ताकि लोकतंत्र में एक संदेश जाए।
राज्यपाल ने दिखाया आईना
बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में प्रोटोकॉल व संवैधानिक दृष्टि से राज्यपाल का पद सर्वोच्च होता है। आवास आवंटन के बाद भी मेघवाल ने खुद को राज्यपाल व उच्च न्यायालय से बड़ा बताया। राज्यपाल ने मेघवाल की सदन आहूत करने से जुड़ी आपत्ति को खारिज करके आईना दिखाया है। इससे यह जाहिर है कि मेघवाल का मानसिक संतुलन कही न कही प्रभावित हो रहा है।