गौरतलब है कि हनुमान बेनीवाल वर्तमान में नागौर से ही विधायक भी हैं। बीते साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बेनीवाल ने रालोपा से चुनाव लड़ था और जीत दर्ज़ की थी। विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के सामने बीजेपी से रामचंद्र उत्ता और कांग्रेस से सवाई सिंह चौधरी चुनाव मैदान में थे। लेकिन भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों को हराते हुए बेनीवाल विधायक बन गए थे।
छोड़नी होगी विधायकी
अब जब बेनीवाल सांसद बनने जा रहे हैं तो ज़ाहिर सी बात है उन्हें अपनी मौजूदा विधायकी त्यागनी होगी। ऐसा होने पर चुनाव आयोग को नागौर सीट पर विधानसभा उप चुनाव करवाने होंगे।
बेनीवाल ने जीत की जताई ख़ुशी
बेनीवाल ने ट्वीट कर मतदाताओं का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि नागौर संसदीय क्षेत्र के सभी मतदाताओं का आभार, यह जीत आप सभी की जीत है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब व किसान के हित की बात अब देश की सर्वोच्च पंचायत में रखने में कोई कमी नही रखूंगा।
समर्थकों में जीत की ख़ुशी बेनीवाल की बढ़त और संभावित जीत की खबर मिलने के साथ ही उनके समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। भाजपा व रालोपा समर्थकों में उत्साह देखते ही बन रहा है। बेनीवाल के घर खुशी का माहौल है। उनको बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। जीत से उत्साहित समर्थक डीजे की धुन पर नाच कर खुशी का इजहार कर रहे हैं।
समर्थक आतिशबाजी कर और एक दूसरे का मुंह मीठा करके भी जश्न मना रहे हैं। दरअसल, प्रदेश ही नहीं देश की नजरें भी नागौर सीट पर टिकी हुई थी।
… और इधर गहलोत बोले- ‘जनादेश शिरोधार्य’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की हार को स्वीकार करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में जनादेश शिरोधार्य होता है, जिसे हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर शांतिपूर्वक मतदान के लिए जनता एवं कांग्रेसजनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में जनादेश शिरोधार्य होता है, जिसे हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। कांग्रेस ने इस परम्परा को सदैव बनाये रखा और इसका निर्वहन करते हुए देश में लोकतंत्र को मजबूत और कायम रखने का काम किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिये देश सर्वोपरि है, जबकि भाजपा के लिये सत्ता महत्वपूर्ण है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह आम चुनाव जनहित एवं विकास के मुद्दों पर लड़ा जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए धर्म, जाति, सेना के शौर्य, पराक्रम के नाम पर यह चुनाव लड़ा।
सीएम गहलोत ने ये भी कहा कि नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में किये चुनावी वादों के बारे में जनता को कोई जवाब नहीं दिया और न ही भाजपा के संकल्प-पत्र में किये गये वायदों की चर्चा की। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा-पत्र में लोक कल्याण और विकास के लिये बनाये गये कार्यक्रमों पर वोट मांगे।