सांसद बेनीवाल ने अम्बुजा कंपनी गलत तथ्यों के आधार पर पर्यावरणीय स्वीकृति लेने का आरोप लगाते हुए 21 बिंदुओं में आपत्ति जताई थी, जिसमें प्रमुख रूप से कम्पनी द्वारा प्लांट की मूण्डवा शहर से दूरी, आस-पास के क्षेत्रों के तालाबों, पशु-पक्षियों व अन्य वन्य जीवों तथा अन्य कई तथ्यों को मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। वहीं लोकसभा में तथा संसद की उद्योग व याचिका समिति के समक्ष भी मामले को उठाया था। सांसद ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारा प्रथम दायित्व है, ऐसे में कम्पनी ने मापदण्डों के विपरीत गलत तथ्यों के आधार पर ईसी ले ली। अब जल्द ही पुन: मंत्री से मिलकर जांच की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
2020 तक शुरू होना था मूण्डवा में अम्बुजा का सीमेंट प्लांट
गौरतलब है कि नागौर जिले के मारवाड़ मूण्डवा में लम्बे इंतजार के बाद सीमेंट निर्माता कम्पनी अम्बुजा सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने करीब दो साल पहले प्लांट का काम शुरू किया था। कम्पनी ने मूण्डवा के पास सीमेंट प्लांट के लिए प्रस्तावित जमीन पर हॉस्पिटल, मैस, कर्मचारियों के लिए आवास सहित अन्य बिल्डिंग का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कम्पनी मूण्डवा में सीमेंट एवं क्लिंकर निर्माण संयंत्र के विकास पर 2000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस अत्याधुनिक संयंत्र में 4.5 एमटीपीए सीमेंट इकाई और 3 एमटीपीए क्लिंकर संयंत्र स्थापित करने के साथ ही एक 9 मेगावाट वेस्ट हीट रिकवरी बॉयलर इकाई भी स्थापित की जाएगी। दो साल पहले दी गई जानकारी के अनुसार अम्बुजा के प्लांट में वर्ष 2020 तक काम उत्पादन शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से काम में देरी हो रही है। अब पर्यावरणीय अनापत्ति की जांच को लेकर आदेश देने से कम्पनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अम्बुजा सीमेन्ट लिमिटेड वैश्विक समूह लाफार्जहोलसिम का एक हिस्सा है, यह भारत के शीर्ष उद्योगों में से एक है। गत 30 वर्षों से परिचालित की जा रही अम्बुजा निर्माण की सीमेन्ट निर्माण क्षमता 29.65 मिलियन टन प्रतिवर्ष है तथा पूरे देश में इसके पांच एकीकृत सीमेन्ट निर्माण संयन्त्र एवं आठ सीमेन्ट ग्राइण्डिग इकाइयां कार्यरत है।