सांसद बेनीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2 माह से अधिक समय से देश के किसान आंदोलित हैं, ऐसे में शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन को सरकार बलपूर्वक नहीं हटाए अन्यथा सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा की भी कड़े शब्दों में निंदा की। बेनीवाल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़ कर देश में चल रहे आंदोलन की ओर ध्यान देते हुए तीनों किसान विरोधी बिलों को वापस लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जो हुआ उसमें जो दोषी है, उसकी जांच एनआईए करे, लेकिन उसकी आड़ में आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया और निर्दोष किसानों को गिरफ्तार किया गया तो देश के किसान चुप नहीं बैठेंगे और दुगुनी ताकत से दिल्ली का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन में बैठे किसान शांतिपूर्ण रूप से ही लगातार कड़ाके की ठंड में अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। शाहजहांपुर बॉर्डर पर आरएलपी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और वे खुद 26 दिसम्बर से पड़ाव डालकर शांतिपूर्वक रूप से बैठे हैं।