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नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाया नागौर, जोधपुर व बाड़मेर में सिंचित क्षेत्र विकसित करने का मामला

locationनागौरPublished: Dec 12, 2019 10:21:58 pm

Submitted by:

shyam choudhary

MP Hanuman Beniwal raised the issue of developing irrigated area, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाया प्रश्नकाल में मामला, मंत्री शेखावत ने दिया जवाब

hanuman beniwal  File pic.

hanuman beniwal File pic.

नागौर. नागौर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रश्नकाल में नागौर, जोधपुर व बाड़मेर जिले के किसानों के प्रत्येक खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना से जुड़ा सवाल पूछा। सांसद ने सदन में बोलते हुए कहा कि राजस्थान के कुल सिंचित क्षेत्र में से 64 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र कुओं और नलकूपों पर निर्भर है, जबकि मात्र 33 प्रतिशत ही नहरों से सिंचित हो पाता है, जो केवल जैसलेमर, बीकानेर, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ तक सीमित है।
सांसद ने कहा कि सिंचित क्षेत्र 1975 में शुरू हुई कमांड एरिया डवलपमेंट और वाटर मैनेजमेंट योजना सीएडीएम और पीएम किसान सिंचाई योजना में भी नागौर को नहीं लिया गया। आजादी के दशकों के बाद भी राजस्थान का विकास नहीं हुआ है।

सांसद के सवाल और मंत्री का जवाब

सीएसआर फंड का कम्पनियां कर रही दुरुपयोग
शून्यकाल में सांसद बेनीवाल ने भारत सरकार के वित्त मंत्री, पेट्रोलियम मंत्री तथा भारी उद्योग मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा तय प्रावधानों के बावजूद तेल-गैस तथा ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत कम्पनियां सामाजिक दायित्व के तहत स्थानीय क्षेत्र के विकास में व्यय की जाने वाली राशि में लापरवाही बरतती है। उन्होंने बाड़मेर जिले के बायतु क्षेत्र के छीतर का पार गांव में तेल से 93 हजार करोड़ का राजस्व सरकार को दिया, लेकिन वे गांव विकास को तरस रहे हैं और एक प्रतिशत राशि ही खर्च नहीं की गई। स्थानीय लोग बेरोजगार होकर पलायन करने पर मजबूर हैं, साथ ही उन्होंने गुड़ामालानी के राजेश्वरी टर्मिनल का हवाला देते हुए कहा कि देश के जिस गांव में देश की कुल 25 प्रतिशत गैस निकलती हो, उस गांव की आधी आबादी के पास गैस के चूल्हे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विकास के लिए कटिबद्ध है, जबकि यह कम्पनियां इस तरह लापरवाही कर रही हैं।
दलालों के माध्यम से होता है राशि का दुरुपयोग
सांसद बेनीवाल ने केयर्न एनर्जी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कम्पनी की सीएसआर फंड की राशि भी अन्य कम्पनियों की तरह कुछ दलालों के माध्यम से कागजी विकास में खर्च की जाती है। उन्होंने केंद्र से उक्त कंपनियों के व्यय किए गए सीएसआर फंड की जांच करवाने की मांग की।

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