यह है आपत्ति का कारण
जिला व उपखंड स्तर पर जिस कमेटी के विधायक सदस्य होते हंै उस कमेटी की बैठक कमेटी की विधानसभा में आयोजित बैठकों के दौरान व विधानसभा सत्र के दौरान नहीं रख सकते। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने 12 जून व 13 जून को बैठकों का आयोजन उनकी सहमति के बिना किया है जो विधायक के प्रोटोकॉल के विरुद्ध है। मेड़ता से रालोपा विधायक इंदिरा देवी बावरी अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण संबधी कमेटी की सदस्या है। ऐसे में 03 जून से 14 जून तक विधानसभा सचिवालय में अनुसूचित जाति /जनजाति कल्याण समिति की बैठकें हैं। ऐसे में विधायक कमेटी की सदस्य के तौर पर विधानसभा में रहेगी और जिला स्तर की मीटिंग में उपस्थित नहीं हो सकती।
विधायक की सहमति जरूरी
परिपत्र की व्याख्या यह कहती है कि 26 फरवरी 2015 को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के पश्चात राजस्थान विधानसभा सचिवालय के संसदीय कार्य विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार विधायक विधानसभा सदस्य के साथ विधानसभा की वित्त व अन्य स्थाई समिति के सदस्य होते हैं। ऐसे में इन कमेटियों की बैठकों के दौरान समयाभाव के कारण विधायक जिला व उपखंड स्तर की बैठकों में भाग नहीं ले पाते। विशेष परिस्थितियों में यदि बैठक करनी हो तो विधायक से सहमति लेना अनिवार्य होता है लेकिन प्रशासन ने मेड़ता विधायक से कोई सहमति नहीं ली। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनीष चौधरी ने बताया कि निर्वाचित विधायक से बिना पूछे जिला स्तर की कमेटियों की मीटिंग करना अनुचित होता है।
कमेटी बैठकों की नहीं मिलती सूचना
विधानसभा सत्र की सूचना सरकार से मिलती है लेकिन किसी कमेटी की बैठक की सूचना हमें नहीं मिलती। सतर्कता समिति की बैठक आयोजित करना सरकार का आदेश है। कोई विधायक बैठक में शामिल होना चाहते हैं लेकिन समय को लेकर कोई दिक्कत हैं तो उनके द्वारा अवगत कराए जाने पर बैठक का समय बदल देंगे।
दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर