भीलवाड़ा में तस्करों को रोकने के दौरान दो जवानों को गोली मार दी गई थी। भीलवाड़ा के रायला और कोटड़ी थाना इलाके में 10 अप्रेल की रात मध्यप्रदेश से डोडा चूरा तस्करी कर ला रहे तस्करों ने फायरिंग की थी। कार में बैठे राजू फौजी समेत तीन संदिग्ध उन्हीं बदमाशों में शामिल थे। हालांकि इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों समेत 11 जने गिरफ्तार हो चुके हैं।
फरार राजू उर्फ फौजी और उनके साथियों को पुलिस तलाश करने में जुटी है। जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) के नागौर प्रभारी एसआई वीडी शर्मा समेत दो कांस्टेबलों ने भी इस स्पेशल जांच का काम संभाल रखा है।
सूत्रों के अनुसार सुबह करीब ग्यारह बजे सूचना मिली कि आई-20 कार में सवार तीन संदिग्ध चूरू की नाकाबंदी तोडक़र लाडनूं की तरफ आ रहे हैं। इस पर एसपी अभिजीत सिंह ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को सूचित कर नाकाबंदी के आदेश दिए।
एएसपी राजेश मीना, एएसपी संजय गुप्ता, सीओ विनोद कुमार सीपा आदि ने अलग-अलग जगह मोर्चा संभाला। वहीं अन्य पुलिस अफसरों ने भी अपने-अपने थाना इलाके की सीमा पर गाड़ी में सवार बदमाशों को पकडऩे की पॉजिशन संभाल ली थी। इसके बाद चलता रहा, गाड़ी इधर गई, गाड़ी उधर देखी गई। देर रात तक जगह-जगह पुलिस जवान नाकाबंदी में दिखे। यही नहीं अन्य कुछ स्पेशल अधिकारियों को ने भी इधर-उधर तलाश की।
नेपाल नहीं यहीं दिखा
जवानों की हत्या के मामले में अब तक जोधपुर जिले के सुनील डूडी समेत ग्यारह जनों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें पांच पुलिसकर्मी शामिल हैं। अभी राजू उर्फ फौजी समेत उनके साथियों को तलाश जा रहा हैं, इनमें से कुछ के नेपाल में छिपे होने की आशंका जाहिर की जा रही थी। करीब एक महीने पहले जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) नागौर के प्रभारी एसआई वीडी शर्मा, कांस्टेबल चेलाराम व सोहनराम को इसी की जांच में लगाया गया था। राजू फौजी के सोमवार को इस तरह चूरू और फिर लाडनूं में दिखने की सूचना ने अब तक के तमाम कयास पर पानी फेर दिया।
लूट के आरोपी की भी अफवाह
चूरू शहर के सबसे व्यस्तम रोड राम मंदिर से करीब सौ मीटर की दूरी पर सोमवार अपराह्न 3 बजे बाइक पर सवार युवक मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस लिमिटेड में लोन लेने के बहाने घुसे। बाद में पिस्टल की नोंक पर 12 मिनट में करीब 25 किलो सोना व आठ लाख 92 हजार रुपए लूटकर फरार हो गए।
नागौर पुलिस की नाकाबंदी की कड़ी मशक्कत में अधिकांश ने समझा कि ये चूरू लूट के आरोपियों की तलाश में नाकाबंदी की गई है। हालांकि पुलिस देर रात तक इस बात को स्पष्ट करने से बचती रही कि नाकाबंदी किसके लिए, बस तीन संदिग्धों की तलाश की कहकर पुलिस ने पल्ला झाड़ा। हालांकि मानव तस्करी यूनिट की एसआई विमला चौधरी ने व्हाट्स एप पर संदिग्धों के फोटो डालकर सूचना देने को मैसेज भी दिया। लूट के आरोपी मोटरसाइकिल पर थे, इसलिए उनकी तलाशी में नाकाबंदी की बात गले नहीं उतरी।
इनका कहना
भीलवाड़ा में पिछले दिनों तस्करों ने दो जवानों की जान ले ली थी। इसमें राजू फौजी समेत उसके साथियों की तलाश थी। इसी सूचना पर नाकाबंदी की गई थी। काफी दूरी तक इसकी गाड़ी का पीछा भी किया, लेकिन वो निकल गया।
– अभिजीत सिंह, एसपी नागौर