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पांच राज्यों में लागू होगा ई-वे बिल

locationनागौरPublished: Dec 10, 2017 10:22:45 am

Submitted by:

Dharmendra gaur

प्रायोगिक तौर पर 20 दिसम्बर से करेंगे लागू

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नागौर के वाणिज्य कर विभाग में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित कर्मचारी तथा व्यापारी

नागौर. दूसरे राज्य से माल लाने और भेजने के लिए प्रयोग के तौर पर देश के पांच राज्यों में वाणिज्य कर विभाग ई-वे बिल ला रहा है। हालांकि राजस्थान में ये बिल पहले राज्य सरकार की ओर से 10 दिसम्बर को लागू करना प्रस्तावित था, लेकिन अब इसकी तिथि बढ़ाकर 20 दिसम्बर कर दी है। यदि पांचों राज्यों में यह सफल रहा तो समभवत: अगले वर्ष 1 अपे्रल से इसे देशभर में लागू किया जाएगा।
यह है ई-वे बिल
ई-वे बिल एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक बिल होगा, जिसमें भेजे जाने वाले माल और उस पर लगने वाले गुड्स सर्विस टेक्स (जीएसटी) के बारे में पूरी जानकारी होगी। जिन अधिसूचित वस्तुओं को राज्यभर से बाहर भेजा जाएगा या बाहर से मंगवाया जाएगा, उनके परिवहन के बिल, बिल्टी, चालान आदि के साथ ई-वे बिल लगा होना अनिवार्य होगा। जीएसटी से पहले वेट एक्ट 47 व 49 जिन अधिसूचित वस्तुओं पर लागू था, साधारणत: ई-वे बिल का प्रावधान उन्हीं पर है। वेट-47 में फर्नीचर, ल्युब्रिकेन्ट्स, कम्प्यूटर, देशी घी, इलेक्ट्रोनिक्स आइटम, कलर, वार्निस, चाय, क्रोकरी सामान सहित अन्य वस्तुएं भी शामिल हैं। इसी प्रकार वेट-49 में सोयाबीन, तेदुंपत्ता, खाद्य तेल सहित अन्य वस्तुएं भी शामिल हैं।
प्रस्तावित ई-वे बिल पर वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त दिनेशचन्द्र गुप्ता से सीधी बात
पत्रिका– ई-वे बिल को लेकर क्या तैयारी है ?
गुप्ता– ई-वे बिल ट्रायल 10 दिसम्बर से होना था, लेकिन अब 20 दिसम्बर को लागू किया जाएगा। अभी व्यापारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पत्रिका– व्यापारियों को क्या जानकारी दी जा रही है ?
गुप्ता– किस प्रकार बिल जनरेट होगा। कौन- कौन कर सकता है। 50 हजार रुपए से ऊपर के माल के लिए जनरेट करना पड़ेगा। राज्य से बाहर जो माल जाएगा या बाहर से यहां मंगवाया जाएगा। उसमें यह बिल जनरेट होगा।
पत्रिका– पांच राज्य कौन कौन से है ?
गुप्ता– राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, नागालैण्ड व केरल। कर्नाटक में लागू हो गया है।
पत्रिका– बिल जनरेट नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का क्या प्रावधान है?
गुप्ता– अभी प्रायोगिक तौर पर लागू किया जा रहा है। हाल फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि किसी ने ई-वे बिल नहीं लिया है तो जनरेट करा लिया जाएगा। फिलहाल कुछ ही वस्तुओं पर लागू किया है।

इस प्रकार होगा जनरेट
ई-वे बिल को जनरेट करने के लिए सबसे पहले व्यापारियों को अपना पंजीयन करवाना होगा, जिसमें व्यापारियों की आईडी व पासवर्ड जनरेट होंगे। आईडी व पासवर्ड के माध्यम से अपना ई-वे बिल जनरेट करके बिल का प्रिंट निकाला जा सकेगा। परिवहन के दौरान अपने अधिसूचित माल पर लगाया जा सकता है। ट्रांसपोर्टर को अपने पेन व आधार नम्बर के द्वारा ई-वे बिल के लिए नामांकन करवाना होगा। इस बिल को सामान ले जाने वाला, प्राप्त करने वाला, ट्रांसपोर्टर द्वारा भी जनरेट किया जा सकेगा।
लगातार हो रही कार्यशाला
नागौर के राज्य कर अधिकारी बृज मोहन सैनी ने बताया कि ई-वे बिल को लेकर निर्देश प्राप्त होने के साथ ही व्यापारियों को इस बिल के बारे में जानकारी देने के लिए लगातार कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। व्यापारी इसको समझ भी रहे हैं तथा दूसरों को इस बारे में बता रहे हैं। राजस्थान वाणिज्यिक कर विभाग के सहायक आयुक्त याकूब खान इस बारे में कर्मचारियों एवं व्यापारियों को जानकारी दे रहे हैं।
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