नागौरPublished: Jun 23, 2018 09:44:49 pm
Dharmendra gaur
-रेंकिंग में हुआ सुधार, देश में 197वां मुकाम
नगर परिषद सफाईकर्मी हड़ताल पर, सफाई व्यवस्था बेपटरी
नागौर. स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की रैंकिंग सूची में नागौर शहर प्रदेश में 14वें जबकि देश में 197 वें स्थान पर रहा है। सर्वेक्षण में 4 हजार से अधिक शहरों ने भाग लिया था और नागौर शहर को 4000 अंकों के सर्वेक्षण में 2080.25 अंक मिले हैं। प्रदेश में 2970.51 अंकों के साथ जयपुर का पहला स्थान रहा है। गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में नागौर 384वीं रेंक पर था और 2018 में अपनी रेंक में 187 का सुधार करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची में लाडनूं 351वीं रेंकिग के साथ जिले में पहले पायदान पर है।
तो रहती और बेहतर रेंकिंग
इसी प्रकार जिले में कुचेरा 432वीं, नावां 462वीं, कुचामन 500वीं,डेगाना 576वीं, मूण्डवा 583वीं, डीडवाना 586वीं, परबतसर 642वीं, मकराना 722वीं व मेड़ता सिटी 772वीं रेंकिंग के साथ जिले में सबसे अंतिम पायदान पर रहा। नागौर में सूखे व गीले कचरे का अलग-अलग निस्तारण नहीं करने व कम्पोस्ट बनाने तथा कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं होने के कारण 40 अंक कट गए। शहर में ठोस कचरा प्रबंधन व कचरे के अलग निस्तारण की व्यवस्था होने की स्थिति में रेंकिंग में काफी आगे रह सकता था। नगर परिषद की ओर से प्रचार-प्रसार के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों, शौचालय निर्माण, उनकी स्थिति, लोगों में जागरुकता के किए गए कार्यों व नवाचार को भी सर्वे में शामिल किया गया।
सीमित संंसाधनों से लाए सुधार
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नागौर नगर परिषद की टीम की ओर से किए गए नवाचारों के दम पर सीमित संसाधनों के बावजूद टीम की मेहनत रंग लाई व नागौर की रेंकिंग में अच्छा सुधार देखने को मिला। स्वच्छता मिशन में योगदान को देखते हुए नगर परिषद बोर्ड ने मुख्य स्वच्छता निरीक्षक नरेन्द्र चौधरी को सम्मानित करने के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भिजवाया था। जनवरी 2018 में किए गए सर्वे में टीम ने शहर में सफाई व्यवस्था को निरीक्षण करने के साथ स्कूलों में सफाई कार्य, समितियां, गतिविधियां, बच्चों में सफाई के प्रति जागरुकता व आम लोगों से भी फीडबैक लिया था। नगर परिषद के ब्रांड अम्बेसडर के साथ-साथ शहरवासियों ने भी पूरा प्रयास किया ताकि रेंकिंग में सुधार हो।