मनरेगा में नागौर का डंका, देश में तीसरे तथा राजस्थान में पहले स्थान पर
महात्मा गांधी नरेगा लागू होने के बाद एक वर्ष में एक लाख से अधिक श्रमिक परिवारों को 100 कार्य दिवस रोजगार मुहैया करवाने वाला राज्य का पहला जिला बना नागौर
- जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी के मार्गदर्शन में प्रगति के पथ पर मनरेगा के काम

नागौर. महात्मा गांधी नरेगा योजना में नागौर जिला प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। मनरेगा तहत गांव-ढाणी में विभिन्न तरह के विकास कार्य करवाकर ग्रामीणों को जहां 100 दिन का रोजगार मुहैया करवाया गया है, वहीं दिलचस्प बात यह है कि योजना लागू होने के बाद से एक वित्तीय वर्ष में एक लाख से अधिक श्रमिक परिवारों को 100 कार्यदिवस का रोजगार मुहैया करवाने का रिकॉर्ड नागौर जिले के नाम हुआ है।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी के कुशल मार्गदर्शन व मॉनिटरिंग में नागौर जिले की मनरेगा टीम ने वर्ष 2020-21 में एक लाख 17 हजार 879 परिवारों को 100 कार्यदिवस का रोजगार मुहैया करवाते हुए राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। इन्हीं विभिन्न पैरामीटर्स के आंकड़ों के आधार पर मनरेगा की राष्ट्रीय स्तर की रैकिंग में नागौर जिले ने देश भर में तीसरा स्थान हासिल किया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस जवाहर चौधरी ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में पंजीकृत श्रमिकों के आधार कार्ड की सीडिंग की गई है, जिसमें भी राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया गया है। इसी प्रकार मानव दिवस सृजन में भी नागौर जिले ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है। जिले ने मनरेगा में वर्ष 2020-21 के दौरान 293.95 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर मनरेगा में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला मेट का नियोजन करते हुए नागौर जिले ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है।
दो साल में सौ कार्यदिवस के लाभान्वितों का आंकड़ा 4 गुना बढ़ा
महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 100 कार्यदिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या का वित्तीय वर्षवार आंकड़ा देखें तो सीईओ चैधरी ने एसीईओ और एक्सईएन मनरेगा का पद रिक्त होने के बावजूद अधीनस्थ टीम का मार्गदर्शन करते हुए इसमें चार गुना तक ईजाफा किया है। मनरेगा के तहत वर्ष 2018-19 में जहां 100 कार्यदिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या जहां 28 हजार 491 थीं, जो वर्ष 2019-20 में 52 हजार 740 तक पहुंचा। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में जिला स्तर से मॉनिटरिंग व मार्गदर्शन के अनुसार ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के नियमित निरीक्षण के बल पर 100 कार्यदिवस का लाभ लेने वाले श्रमिक परिवारों का आंकड़ा 1 लाख 17 हजार 879 तक पहुंच गया।
वहीं दूसरी ओर मनरेगा में मानव दिवस सृजन के मामले में भी पिछले दो सालों में नागौर जिले ने दो गुना प्रगति हासिल की है। वर्ष 2018-19 के दौरान जिले में मनरेगा के तहत जहां 166.79 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया, वहीं 2020-21 में यह आंकड़ा 293.95 लाख तक पहुंचा दिया गया।
हर मंगलवार को होती है साप्ताहिक समीक्षा
मनरेगा के निर्धारित पैरामीटर्स में बेहत्तर काम होने का कारण इसकी नियमित मॉनिटरिंग है। जिला कलक्टर डॉ. सोनी इसे लेकर कई महीनों से हर सप्ताह के मंगलवार की शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विकास अधिकारियों से ऑनलाइन रिपोर्ट लेेते हुए इसकी समीक्षा करते हैं। जिला कलक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियमित मॉनिटरिंग के चलते ही नागौर जिले ने राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की रैकिंग में यह मुकाम हासिल किया है।
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