बाजारों में खरीदारों का हुजूम
मकर संक्रांति को व्रती महिलाएं सामथ्र्य के अनुसार तेरह अलग- अलग तरह की वस्तुएं ‘तेरूंडाÓ के रूप में देने की परम्परा का निर्वाह करेंगी। विवाहिता पुत्रियों को तिल से बने व्यंजन भेजे जाएंगे। गजक, रेवड़ी, फीणी, घेवर व तिल से बने व्यंजनों की दुकानों पर शनिवार को लोगों की भीड़ रही। व्रती महिलाएं तेरूंडा खरीदारी में व्यस्त रही। दूर तक निगाह के साथ वो काटा का गूंजेगा शोरनागौर. मकर संक्रांति पर्व को लेकर शहर में एक दिन पहले शनिवार को पतंगों की दुकानों पर पतंगबाजों की भारी भीड़ रही। शहर के बाजरवाड़ा, नया दरवाजा, दिल्ली दरवाजा, कुम्हारी दरवाजा सहित अन्य स्थानों पर शनिवार को शहरभर में 7 से 8 लाख रुपए तक का कारोबार होने की उम्मीद जताई जा रही है। शनिवार को युवा व बच्चे पतंगें उड़ाते नजर आए वहीं कुछ लड़के टोलियां बनाकर पतंगें लूटते नजर आए।
मकर संक्रांति को व्रती महिलाएं सामथ्र्य के अनुसार तेरह अलग- अलग तरह की वस्तुएं ‘तेरूंडाÓ के रूप में देने की परम्परा का निर्वाह करेंगी। विवाहिता पुत्रियों को तिल से बने व्यंजन भेजे जाएंगे। गजक, रेवड़ी, फीणी, घेवर व तिल से बने व्यंजनों की दुकानों पर शनिवार को लोगों की भीड़ रही। व्रती महिलाएं तेरूंडा खरीदारी में व्यस्त रही। दूर तक निगाह के साथ वो काटा का गूंजेगा शोरनागौर. मकर संक्रांति पर्व को लेकर शहर में एक दिन पहले शनिवार को पतंगों की दुकानों पर पतंगबाजों की भारी भीड़ रही। शहर के बाजरवाड़ा, नया दरवाजा, दिल्ली दरवाजा, कुम्हारी दरवाजा सहित अन्य स्थानों पर शनिवार को शहरभर में 7 से 8 लाख रुपए तक का कारोबार होने की उम्मीद जताई जा रही है। शनिवार को युवा व बच्चे पतंगें उड़ाते नजर आए वहीं कुछ लड़के टोलियां बनाकर पतंगें लूटते नजर आए।
17 साल बाद सूर्य मकर राशि में करेगा प्रवेश
17 साल बाद रविवार पर मकर संक्रांति का विशेष योग बना है। ग्रहों का राजा सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो शनिदेव की राशि कही गई है। इस बार विशेष योग पर दान पुण्य किया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन दोपहर 1.45 बजे सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग व प्रदोष तिथि का संयोग रहेगा। ज्योतिषियों ने मेष लग्न में मकर संक्रांति प्रवेश को इस बार उद्योगपति, निर्यातक, स्वतंत्र कार्य करने वाले और शेयर मार्केट के लिए कष्टप्रद बताया है। विद्वतजनों ने बताया कि संक्रांति का वाहन महिष (भैसा) है और निवास रजक ग्रह होगा। इससे समुद्री हलचल और भूमिगत स्थिति खराब होगी। लोह सम्बन्धित धातुओं, कलपुर्जों और रसायन के भाव प्रभावित होंगे।
इधर गोधम्बा महोत्सव मनाया
महिलाओं ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां
नागौर. बाहेतियों की गली में शनिवार रात गोधम्बा महोत्सव मनाया गया। रघुनाथजी मंदिर के पास यह महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मां गोदम्बा एवं भगवान रंगनाथ के स्वरूप धरे राधिका सारड़ा एवं मोनिका तिवाड़ी की पूजा एवं विवाह रस्म के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम का श्रीगणेश गोरधन मनिहार, सत्यनारायण ओझा, घनश्याम दर्जी, रामवल्लभ सोनी, कमल मावन्धर, घनश्याम सोनी, श्याम सारड़ा द्वारा किया गया। तत्पश्चात शिम्पी गिलड़ा, पिंकी मनिहार, कोमल गिलड़ा, दिशा सारड़ा, अक्षिता राठी, वर्षा चाण्डक, अंजलि सारड़ा द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में महिलाओं ने राजस्थानी गीतों एवं भजनों पर आरती मनिहार, सुनिता सारड़ा, इन्द्रा गिलड़ा, शर्मिला सारड़ा, हेमलता सोनी, लीला सारड़ा, पिंकी मुन्दड़ा, पार्वती सारड़ा, लीला मुन्दड़ा, सावित्री सारड़ा, खुशबू सारड़ा द्वारा प्रस्तुतियां दी गई।
17 साल बाद रविवार पर मकर संक्रांति का विशेष योग बना है। ग्रहों का राजा सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो शनिदेव की राशि कही गई है। इस बार विशेष योग पर दान पुण्य किया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन दोपहर 1.45 बजे सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग व प्रदोष तिथि का संयोग रहेगा। ज्योतिषियों ने मेष लग्न में मकर संक्रांति प्रवेश को इस बार उद्योगपति, निर्यातक, स्वतंत्र कार्य करने वाले और शेयर मार्केट के लिए कष्टप्रद बताया है। विद्वतजनों ने बताया कि संक्रांति का वाहन महिष (भैसा) है और निवास रजक ग्रह होगा। इससे समुद्री हलचल और भूमिगत स्थिति खराब होगी। लोह सम्बन्धित धातुओं, कलपुर्जों और रसायन के भाव प्रभावित होंगे।
इधर गोधम्बा महोत्सव मनाया
महिलाओं ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां
नागौर. बाहेतियों की गली में शनिवार रात गोधम्बा महोत्सव मनाया गया। रघुनाथजी मंदिर के पास यह महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मां गोदम्बा एवं भगवान रंगनाथ के स्वरूप धरे राधिका सारड़ा एवं मोनिका तिवाड़ी की पूजा एवं विवाह रस्म के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम का श्रीगणेश गोरधन मनिहार, सत्यनारायण ओझा, घनश्याम दर्जी, रामवल्लभ सोनी, कमल मावन्धर, घनश्याम सोनी, श्याम सारड़ा द्वारा किया गया। तत्पश्चात शिम्पी गिलड़ा, पिंकी मनिहार, कोमल गिलड़ा, दिशा सारड़ा, अक्षिता राठी, वर्षा चाण्डक, अंजलि सारड़ा द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में महिलाओं ने राजस्थानी गीतों एवं भजनों पर आरती मनिहार, सुनिता सारड़ा, इन्द्रा गिलड़ा, शर्मिला सारड़ा, हेमलता सोनी, लीला सारड़ा, पिंकी मुन्दड़ा, पार्वती सारड़ा, लीला मुन्दड़ा, सावित्री सारड़ा, खुशबू सारड़ा द्वारा प्रस्तुतियां दी गई।