शहर में विकास अवरुद्ध
ज्ञापन में लिखा है कि नगर परिषद की साधारण बैठक 11 जून को बुलाई थी लेकिन सचिव ने हठधर्मिता से बैठक नहीं होने दी, जिससे करीब 50 करोड़ के विकास के एमओयू नहीं हो सके। इसके बाद सभी नेहरू पार्क में धरना स्थल पर पहुंचे। मूण्डवा प्रधान राजेन्द्र फिड़ौदा ने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित बोर्ड सर्वोपरि है और बोर्ड के प्रस्तावों को सरकार तक पहुंचाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सफाई कर्मचारियों की भर्ती जनसंख्या के हिसाब से होनी चाहिए। पूर्व प्रधान अखाराम बागडिय़ा ने कहा कि सरकार नागौर में विकास नहीं चाहती इसलिए यहां ऐसे अधिकारियों को लगाया जाता है जिनकी विकास में रुचि नहीं है।
सफाई व्यवस्था चरमराई
परबतसर नगर पालिका उपाध्यक्ष लोकेश ने कहा कि अधिकारियों की हठधर्मिता से विकास कार्य बाधित होना अच्छी बात नहीं है। भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष रामनिवास सांखला, जुगल किशोर सारड़ा, हरिराम धारणिया समेत अन्य लोगों ने भी विचार व्यक्त किए। उधर, सफाई कर्मचारियों का धरना तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहने से शहर में सफाई व्यवस्था बेटरी रही। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते सफाई नहीं होने से कचरा व गंदगी गलियों व सड़कों पर पड़ी है जबकि घरों के बाहर पड़ा कचरा परिवहन नहीं होने से सड़कों पर बिखर रहा है। कलक्टर की ओर से गठित जांच कमेटी ने शुक्रवार तक आयुक्त से सभी आवश्यक दस्तावेज मांगे है।