एनजीटी के निर्देशों की हो पालना
मुख्य सचिव के निर्देशानुसार शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर नजर नहीं आने चाहिए। जहां कचरा डाला जाएगा वहां से कचरा लेकर खाद बनाई जाए वहीं प्लास्टिक आदि सीमेंट फैक्ट्रियों को दिया जाए। सूखे व गीले कचरे का संग्रहण करने के लिए नगर परिषद नई टैक्सियां खरीदेगा वहीं कुछ मौजूदा टैक्सियों को मोडिफाई कर गीला कचरा डालने की जगह बनाई जाएगी। वीसी में समस्त जिला कलक्टर को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा राज्य सरकारों द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना के निर्देश दिए हैं।
निजी स्तर पर भी करेंगे पाबंद
शहर में 50 किलो से एक क्विंटल से अधिक कचरा संग्रहण वाले निजी संस्थानों को छोटी मशीनें लगानी होगी ताकि शहर की सडक़ों पर कचरा नहीं रहे। कचरा निस्तारण या री-सायक्लिंग, कचरे से ऊर्जा उत्पादन को कचरा प्रबंधन या वेस्ट मैनेजमेंट कहा जाता है। री-सायक्लिंग से कई उपभोक्ता वस्तुएं बाजार में दोबारा उपलब्ध हो जाती है जो कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में कमी ला रही है। एल्युमिनियम, तांबा, स्टील, कांच, कागज और कई प्रकार के प्लास्टिकों की री-यासक्लिंग की जा सकती है। धातुओं की री-सायक्लिंग करने से मांग के अनुरूप कई वस्तुएं बाजार में उपलब्ध हो जाती है। कचरा प्रबंधन शहर के लिए एक बेहतरीन कदम साबित हो सकता है।
निर्देशों की पालना करेंगे
कचरा निस्तारण को लेकर सरकार से मिले दिशा-निर्देशों की पालना की जाएगी। शहर को साफ सुथरा रखने के लिए सेग्रीकेशन के संबंध में निजी संस्थानों को भी पाबंद किया जाएगा।
जोधाराम विश्नोई, आयुक्त नगर परिषद, नागौर