वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते पुलिस को अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करनी पड़ी। मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रेल व मई में लॉकडाउन लागू रहने के कारण पुलिस ने दिन-रात चौराहों व सडक़ों पर ड्यूटी दी। इसके कारण पुलिस अपराधों पर लगाम लगाने में कामयाब रही। इसके साथ लोग भी महामारी के डर से घरों में रहे, जिसके चलते अपराधों में कमी आई।
महिला अत्याचार घटे, लेकिन एससी-एसटी के बढ़े
वर्ष 2020 में जिले में महिला अपराधों में 16 फीसदी की कमी देखी गई, जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति पर अत्याचार के मामलों में 14.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि लॉकडाउन के चलते पुरुष घरों में रहने से अन्य जिलों में जहां महिला अत्याचार के मामले बढ़े, वहीं जिले में इनमें कमी आई, जो एक अच्छा संदेश है।
जिले के 32 थानों में दर्ज मामलों की स्थिति देखने पर सबसे अधिक 504 मामले कोतवाली थाने में दर्ज किए गए हैं। वहीं सबसे कम 83 मामले सुरपालिया थाने में दर्ज किए गए। वृत्त के हिसाब से देखें तो सबसे अधिक 1375 मामले नागौर वृत्त में, इसके बाद डीडवाना वृत्त में 1077, डेगाना वृत्त में 935, कुचामन वृत्त में 880, मकराना वृत्त में 650, मेड़ता वृत्त 769, मूण्डवा वृत्त में 509, जायल वृत्त में 447 मामले दर्ज किए गए हैं। यानी जायल वृत्त के चारों थानों से अधिक अकेले कोतवाली थाने में मामले दर्ज किए गए। पूरे जिले में सालभर में कुल 6842 मामले दर्ज हुए।
जिले में अपराधों पर लगाम कसने के लिए किए गए प्रयासों के तहत पिछले साल काफी हद तक सफल हुए हैं। सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर अपराधों को घटित होने से पहले रोकने के लिए तथा अपराध घटित होने के बाद अपराधियों की धरपकड़ के लिए भी पुलिसिंग को मजबूत बना रहे हैं।
– श्वेता धनखड़, एसपी, नागौर