नागौर में गठित शिक्षा विभागीय जिला स्तरीय निष्पादन समिति की माह जुलाई-2020 में रखी गई बैठक में यह तथ्य दृष्टिगोचर हुआ कि जिले में ऐसे राजकीय विद्यालय भी बड़ी संख्या में संचालित हैं, जिनमें अभी भी विद्युत विहीनता की स्थिति हैं। विद्युत कनेक्शन के अभाव में विद्यार्थी भीषण गर्मी में भी ताप सहते हुए इन विद्यालयों में अध्ययन करते हैं। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इसे संज्ञान में लेते हुए जिले में ऐसे सभी विद्युत विहीनता वाले सरकारी विद्यालयों की सूची तैयार करने के निर्देश गए। इसे लेकर करवाए गए सघन सर्वे में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 979 सरकारी विद्यालय तो ऐसे हैं जो अपने स्थापना काल से ही विद्युत विहीन थे। जिला कलक्टर द्वारा इन सरकारी विद्यालयों में विद्यु कनेक्शन जारी करवाने को लेकर शिक्षा विभाग तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम को संयुक्त रूप से मिशन मोड में काम करने निर्देश दिए गए। जिले में वंचित सरकारी विद्यालयों को विद्युतीकरण से जोडऩे के लिए शुरू किए गए मिषन को अभियान नाम दिया गया। अभियान उजास के तहत सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने कम्पोजिट स्कूल ग्रांट व विकास कोष से तो कहीं भामाशाहों को प्रेरित कर उनके द्वारा दिए गए आर्थिक सहयोग से विद्युत कनेक्शन के लिए निर्धारित डिमाण्ड राशि विद्युत वितरण निगम के संबंधित अभियंता कार्यालयों में जमा करवाई गई। जिला कलक्टर द्वारा नियमित रूप से वंचित सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण को लेकर शुरू किए गए अभियान उजास की प्रगति रिपोर्ट की निरंतर मॉनिटरिंग की गई, जिसके सफल परिणाम हम सब के सामने हैं।