सोमवार रात करीब उस बजे सोशल मीडिया पर आए वीडियो में सचिन पायलट खेमे के 17 विधायक देखे गए, जिसमें नागौर के परबतसर विधायक रामनिवास गावडिय़ा व लाडनूं विधायक मुकेश भाकर भी दिखाई दिए। रात को ही विधायक भाकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के सुर में सुर मिलाते हुए बगावती तेवर दिखाए। भाकर ने दिनभर के सियासी घटनाक्रम के बाद रात को ट्वीट कर कहा- ‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है गहलोत की गुलामी, वो हमें मंजूर नहीं।’
गौरतलब है कि लाडनूं विधायक मुकेश भाकर व परबतसर विधायक रामनिवास गावडिय़ा पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा गुट के माने जाते हैं तथा नागौर दौरे के दौरान दोनों विधायक मिर्धा के साथ देखे जाते हैं। खींवसर उपचुनाव में मुख्यमंत्री गहलोत के कहने पर पूर्व सांसद मिर्धा ने कांग्रेस प्रत्याशी हरेन्द्र मिर्धा का प्रचार किया तथा नामांकन रैली में शामिल हुईं। इसके बाद पूर्व सांसद मिर्धा की स्थिति जिले में काफी मजबूत हुई। ऐसे में माना जा रहा था कि दोनों विधायक गहलोत के साथ रहेंगे, लेकिन सोमवार को उन्होंने अनुपस्थित रहकर सबको चौंका दिया।
इधर, सांसद हनुमान बेनीवाल भी पिछले दो दिन से नागौर से बाहर हैं। इसको लेकर उनके समर्थक तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। गौरतलब है कि सांसद बेनीवाल ने पिछले एक साल में राज्य सरकार के वेंटिलेटर पर होने को लेकर कई बार बयान दिए हैं। अब जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुद नाराज होकर बैठक में नहीं आए हैं और उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें आ रही हैं, ऐसे में कई समीकरण बन सकते हैं। बेनीवाल के समर्थकों ने पायलट व बेनीवाल की फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की है।
विधानसभा चुनाव 2018 में अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने रामनिवास गावडिय़ा के समर्थन में चुनावी सभा की थी। चुनावी सभा से पहले कांग्रेस की एक सम्पर्क सभा भी परबतसर में हुई थी, जिसके बाद परबतसर क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत हुई थी।
सियासी घमासान के चलते कांग्रेस ने व्हिप जारी कर सोमवार को सभी विधायकों को बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को पार्टी से निकालने की भी चर्चा हुई। इसके बावजूद लाडनूं विधायक मुकेश भाकर बैठक में उपस्थित नहीं हुए। हालांकि शाम तक पार्टी की ओर से बैठक में अनुपस्थित रहे विधायकों को बुलाने का प्रयास किया जा रहा था। इस बीच एक सवाल यह भी उठने लगा कि क्या कांग्रेस यूथ कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष दूसरा चुनेगी। गौरतलब है कि भाकर यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं और गत दिनों हुए ऑनलाइन चुनाव में पहले सुमित भगासरा को चुनने के बाद परिणाम को संशोधित करते हुए भाकर को चुना था। अब यदि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो कांग्रेस को दूसरा यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चुनना पड़ेगा।
कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक सरकार के साथ हैं। जो विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए, उनके निजी कारण हो सकते हैं। नागौर जिले विधायकों से भी सम्पर्क रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
– जाकिर हुसैन गैसावत, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस