scriptनागौर की ‘कांग्रेस’ नजर आई कमजोर, सीएम गहलोत के साथ चार ही विधायक | Nagaur's Congress appears weak, only four MLAs with CM Gehlet | Patrika News

नागौर की ‘कांग्रेस’ नजर आई कमजोर, सीएम गहलोत के साथ चार ही विधायक

locationनागौरPublished: Jul 14, 2020 04:44:23 pm

Submitted by:

shyam choudhary

पायलट खेमे के लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने ट्वीट कर कहा- गहलोत की गुलामी मंजूर नहीं – कांग्रेस ने व्हिप जारी सभी विधायकों को दिए थे बैठक में उपस्थित होने के निर्देश, इसके बावजूद नागौर जिले के लाडनूं व परबतसर विधायक रहे अनुपस्थित, नागौर जिले की 10 विधानसभा सीटों में से छह पर हैं कांग्रेस के विधायक दो भाजपा व दो आरएलपी के कब्जे में

Nagaur's Congress appears weak

Nagaur’s Congress appears weak

नागौर. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत देने वाले नागौर जिले में सोमवार कांग्रेस कमजोर पड़ती नजर आई। प्रदेश में पिछले दो दिन से चल रही सियासी उठापटक के बीच सोमवार सुबह मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायकों की बैठक में नागौर जिले के दो विधायक अनुपस्थित रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर हुए शक्ति प्रदर्शन में जिले के चार विधायक ही पहुंचे, जिनमें नावां विधायक व उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी, जायल विधायक मंजू मेघवाल, डीडवाना विधायक चेतन डूडी व डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा शामिल हैं, जबकि लाडनूं विधायक व यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भाकर व परबतसर विधायक रामनिवास गावडिय़ा बैठक में नहीं पहुंचे। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की बैठक में कुल 18 कांग्रेस विधायक नहीं पहुंचे, जिनमें दो नागौर के भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में नागौर जिले की दस विधानसभा सीटों में से छह (जायल, डीडवाना, लाडनूं, नावां, परबतसर व डेगाना ) कांग्रेस के खाते में गई थी, जबकि नागौर व मकराना सीट भाजपा तथा खींवसर व मेड़ता सीट पर आरएलपी ने कब्जा किया था। इसके बाद गत वर्ष लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई खींवसर सीट पर कांग्रेस ने पूरा दम लगाया, इसके बावजूद आरएलपी व भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नारायण बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी।
वीडियो में दिखे भाकर व गावडिय़ा
सोमवार रात करीब उस बजे सोशल मीडिया पर आए वीडियो में सचिन पायलट खेमे के 17 विधायक देखे गए, जिसमें नागौर के परबतसर विधायक रामनिवास गावडिय़ा व लाडनूं विधायक मुकेश भाकर भी दिखाई दिए। रात को ही विधायक भाकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के सुर में सुर मिलाते हुए बगावती तेवर दिखाए। भाकर ने दिनभर के सियासी घटनाक्रम के बाद रात को ट्वीट कर कहा- ‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है गहलोत की गुलामी, वो हमें मंजूर नहीं।’
भाकर व गावडिय़ा ने चौंकाया
गौरतलब है कि लाडनूं विधायक मुकेश भाकर व परबतसर विधायक रामनिवास गावडिय़ा पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा गुट के माने जाते हैं तथा नागौर दौरे के दौरान दोनों विधायक मिर्धा के साथ देखे जाते हैं। खींवसर उपचुनाव में मुख्यमंत्री गहलोत के कहने पर पूर्व सांसद मिर्धा ने कांग्रेस प्रत्याशी हरेन्द्र मिर्धा का प्रचार किया तथा नामांकन रैली में शामिल हुईं। इसके बाद पूर्व सांसद मिर्धा की स्थिति जिले में काफी मजबूत हुई। ऐसे में माना जा रहा था कि दोनों विधायक गहलोत के साथ रहेंगे, लेकिन सोमवार को उन्होंने अनुपस्थित रहकर सबको चौंका दिया।
सांसद बेनीवाल दो दिन से बाहर
इधर, सांसद हनुमान बेनीवाल भी पिछले दो दिन से नागौर से बाहर हैं। इसको लेकर उनके समर्थक तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। गौरतलब है कि सांसद बेनीवाल ने पिछले एक साल में राज्य सरकार के वेंटिलेटर पर होने को लेकर कई बार बयान दिए हैं। अब जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुद नाराज होकर बैठक में नहीं आए हैं और उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें आ रही हैं, ऐसे में कई समीकरण बन सकते हैं। बेनीवाल के समर्थकों ने पायलट व बेनीवाल की फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की है।
गहलोत-पायलट ने परबतसर में की थी चुनावी रैली
विधानसभा चुनाव 2018 में अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने रामनिवास गावडिय़ा के समर्थन में चुनावी सभा की थी। चुनावी सभा से पहले कांग्रेस की एक सम्पर्क सभा भी परबतसर में हुई थी, जिसके बाद परबतसर क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत हुई थी।
…तो क्या कांग्रेस दूसरा प्रदेशाध्यक्ष चुनेगी
सियासी घमासान के चलते कांग्रेस ने व्हिप जारी कर सोमवार को सभी विधायकों को बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को पार्टी से निकालने की भी चर्चा हुई। इसके बावजूद लाडनूं विधायक मुकेश भाकर बैठक में उपस्थित नहीं हुए। हालांकि शाम तक पार्टी की ओर से बैठक में अनुपस्थित रहे विधायकों को बुलाने का प्रयास किया जा रहा था। इस बीच एक सवाल यह भी उठने लगा कि क्या कांग्रेस यूथ कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष दूसरा चुनेगी। गौरतलब है कि भाकर यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं और गत दिनों हुए ऑनलाइन चुनाव में पहले सुमित भगासरा को चुनने के बाद परिणाम को संशोधित करते हुए भाकर को चुना था। अब यदि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो कांग्रेस को दूसरा यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चुनना पड़ेगा।
सब साथ हैं
कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक सरकार के साथ हैं। जो विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए, उनके निजी कारण हो सकते हैं। नागौर जिले विधायकों से भी सम्पर्क रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
– जाकिर हुसैन गैसावत, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
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