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विदेशों से एमबीबीएस करने वालों की आई फौज, नागौर को मिले 50

locationनागौरPublished: Jun 04, 2023 12:12:19 pm

Submitted by:

shyam choudhary

अकेले नागौर के जेएलएन अस्पताल को मिले 50 प्रशिक्षु- जेएलएन अस्पताल में एक साल तक करेंगे इंटर्नशिप, 38 जनों ने की ज्वाइन

अब मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद

अब मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद

नागौर. नए डॉक्टर बनाने के लिए एक ओर जहां प्रदेश में हर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज बनाने का काम चल रहा है, वहीं विदेशों से एमबीबीएस करके आने वाले युवाओं की भी संख्या बढ़ी है। इस बार प्रदेश में 1365 युवा ऐसे हैं, जिन्होंने एफएमजी एक्जाम पास किया है और अब उन्हें यहां एक साल की इंटर्नशिप करनी होगी। इनको मेरिट के आधार पर प्रदेश के जिलों में संचालित मेडिकल कॉलेज के अस्पताल आवंटित किए गए हैं।
नागौर जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल को विदेशों से एमबीबीएस करने वाले स्नातक युवाओं की फौज मिली है। सरकार ने 50 प्रशिक्षुओं को नागौर का जेएलएन अस्पताल आवंटित किया है, जहां वे अगले एक साल तक इंटर्नशिप करेंगे। शनिवार तक 38 प्रशिक्षुओं ने अस्पताल में ज्वाइन कर लिया। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में प्रशिक्षु मिलने से मरीजों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय का 300 बेड की क्षमता वाला जेएलएन अस्पताल सामान्य दिनों में दोपहर बाद तथा अवकाश के दिन 11 बजे बाद एक ड्यूटी डॉक्टर के भरोसे रहता है। यानी पूरे अस्पताल में केवल एक ही डॉक्टर रहता है, जिससे कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है। हालांकि पिछले साल कुछ रेजिडेंट डॉक्टर यहां आए थे, लेकिन स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। अब जब एक साथ 50 एमबीबीएस युवा अस्पताल को मिले हैं, तो स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि जेएलएन अस्पताल के चिकित्साधिकारियों का कहना है कि प्रशिक्षुओं को अभी बहुत सीखने की आवश्यकता है। जेएलएन अस्पताल के पीएमओ डॉ. महेश पंवार ने बताया कि 50 में से 38 ने ज्वाइन किया है, जिन्हें अलग-अलग विभाग में लगाया गया है।
नया बनेगा रेम्प, लिफ्ट लगाने के भी प्रयास शुरू
जेएलएन अस्पताल में क्षतिग्रस्त हुए रेम्प को दुबारा बनाने की कवायद शुरू हो गई है। अस्पताल के पीएमओ डॉ. पंवार ने बताया कि बजट दो लाख से ज्यादा होने के कारण जिला कलक्टर से अनुमति ली गई है। अब टेंडर प्रक्रिया अपनाकर काम करवाया जाएगा। इसी प्रकार लिफ्ट लगाने के लिए भी मेडिकल कॉलेज का निर्माण कर रही कम्पनी के इंजिनियर को जगह दिखाकर राजमेश को पत्र लिख गया है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गत दिनों ‘लिफ्ट है नहीं, रेम्प में पड़े खड्ढ़ों से मरीज खा रहे स्ट्रेचर पर हिचकोले’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मरीजों की पीड़ा का उजागर किया था। इसके बाद पीएमओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू की है।
जेएलएन के ऊपर बनेगा आईसीयू का नया भवन
जेएलएन अस्तपाल भवन की पहली मंजिल पर वर्तमान में संचालित आईसीयू में दस बेड हैं। आगामी दिनों में मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर यहां अधिक बेड की आवश्यकता पड़ेगी, इसको देखते हुए वर्तमान में संचालित आईसीयू के सामने छत पर आईसीयू का नया भवन बनाया जाएगा। पीएमओ डॉ. महेश पंवार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण करने वाले कम्पनी एचएससीसी ही यहां नया आईसीयू भवन, लेक्चर हॉल तथा नई मोर्चरी बनाएगी। इसलिए अस्पताल में लिफ्ट लगाने के लिए एचएससीसी के इंजिनियर को मौका दिखा दिया है तथा राजमेश को भी पत्र लिखा है।

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