विभाग में फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने श्रमिक पंजीयन के सैकड़ों आवेदन रात के समय कुछ ही मिनटों में अप्रूव कर दिए, जिनमें अधिकतर के पूरे दस्तावेज भी नहीं हैं। सूत्रों से के अनुसार श्रमिक पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले श्रमिकों के आवेदन अधिकारी सीधे 'फरदर इंक्वायरी' में डाल देते हैं, इसके बाद दलालों के माध्यम से जिनकी सिफारिश की जाती है, उनके आवेदनों को रात के समय घर पर बैठकर अप्रूव किया जाता है। पत्रिका के पास ऐसे सैकड़ों मामले हैं, जिनको पहले 'फरदर इंक्वायरी' में डाला गया और फिर कार्यालय समय के बाद रात को एक साथ अप्रूव किया गया। अचरज की बात यह है कि कुछ आवेदन तो सैकंडों में अप्रूव हो गए, जबकि एक आवेदन को चैक करने के लिए कम से कम आठ से दस मिनट का समय लगता है।
फर्जीवाड़ा नहीं है तो और क्या
श्रम विभाग द्वारा गत दिनों श्रमिक पंजीयन के कई आवेदन कार्यालय बंद होने के बाद रात के समय अप्रूव किए गए। अधिकारियों का कहना है कि काम अधिक होता है तो रात को भी कर लेते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस स्पीड से एक ही रात में सहायक श्रम आयुक्त भवानीसिंह चारण की आईडी से आवेदन अप्रूव किए गए, उसके हिसाब से हजारों आवेदन कुछ ही समय में स्वीकृत किए जा सकते हैं, ऐसे में महीनों व वर्षों से आवेदन लम्बित पड़े क्यों रखे गए हैं। यूं तो पत्रिका के पास रात को अप्रूव होने वाले आवेदनों की लम्बी सूची है, लेकिन जिम्मेदार यदि 28 मई 2022 को स्वीकृत किए गए 51 आवेदनों पर ही नजर डाल लें तो फर्जीवाड़ा उजागर हो जाएगा।
श्रम विभाग द्वारा गत दिनों श्रमिक पंजीयन के कई आवेदन कार्यालय बंद होने के बाद रात के समय अप्रूव किए गए। अधिकारियों का कहना है कि काम अधिक होता है तो रात को भी कर लेते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस स्पीड से एक ही रात में सहायक श्रम आयुक्त भवानीसिंह चारण की आईडी से आवेदन अप्रूव किए गए, उसके हिसाब से हजारों आवेदन कुछ ही समय में स्वीकृत किए जा सकते हैं, ऐसे में महीनों व वर्षों से आवेदन लम्बित पड़े क्यों रखे गए हैं। यूं तो पत्रिका के पास रात को अप्रूव होने वाले आवेदनों की लम्बी सूची है, लेकिन जिम्मेदार यदि 28 मई 2022 को स्वीकृत किए गए 51 आवेदनों पर ही नजर डाल लें तो फर्जीवाड़ा उजागर हो जाएगा।
एक मिनट में दो-दो आवेदन अप्रूव, वो भी बिना दस्तावेज सहायक श्रम आयुक्त की आईडी से 28 मई को पहला आवेदन (22/0009947) शाम 7.16 बजे स्वीकृत किया गया। इसके बाद (22/0009406) शाम 7.18 बजे, 22/0009810 को 7.20 बजे, 22/0009591 को 7.21 बजे, 22/0010900 को 7.27 बजे, 22/0009339 को 9.04 बजे, 22/0007843 को 9.11 बजे, 22/0008543 को 9.12 बजे, 22/0006293 को 9.13 बजे, 22/0009101 को 9.15 बजे, फिर 22/0011814 को 9.15 बजे, 22/0011812 को 9.16 बजे अप्रूव किया गया। इसी प्रकार 22/00012242 व 22/0012244 को 9.23 बजे, 22/0006406 व 22/0011357 को 9.24 बजे, 22/0008949 व 22/0009371 को 9.26 बजे स्वीकृत किया गया। यानी एक आवेदन को चैक करने में आधा मिनट भी नहीं लगा।
नियोजक के प्रमाण पत्र तक नहीं
विभागीय अधिकारी पात्र श्रमिकों को भले ही महीनों तक चक्कर कटवाते हैं, लेकिन दलालों के माध्यम से आने वाले आवेदनों को नियोजक का प्रमाण नहीं होने पर भी उन्हें अप्रूव कर दिया गया। कइयों के आवेदन भी अधूरे भरे हुए हैं, इसके बावजूद नियमों के परे जाकर थोक के भाव स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
विभागीय अधिकारी पात्र श्रमिकों को भले ही महीनों तक चक्कर कटवाते हैं, लेकिन दलालों के माध्यम से आने वाले आवेदनों को नियोजक का प्रमाण नहीं होने पर भी उन्हें अप्रूव कर दिया गया। कइयों के आवेदन भी अधूरे भरे हुए हैं, इसके बावजूद नियमों के परे जाकर थोक के भाव स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
सहायक श्रम आयुक्त भवानीसिंह चारण से पत्रिका की सीधी बात
पत्रिका - श्रमिकों के आवेदन रात को भी अप्रूव कर सकते हैं क्या?
चारण - नहीं, आवेदन अपलोड कर सकते हैं। हमारे यहां ज्यादा पेंडेंसी होने पर रात को करते हैं। अभी जैसे भौतिक सत्यापन का चल रहा है तो पेंडेंसी होने पर करते हैं।
पत्रिका - आपके विभाग का कोई अधिकारी रात में स्वीकृतियां जारी कर सकता है क्या?
चारण - आठ बजे तक सभी करते हैं। रात को 12 बजे, 3 बजे या 4 बजे नहीं कर सकते।
पत्रिका - एक आवेदन को चैक करने में कितना समय लगता है।
चारण - एक आवेदन को देखने में 15 से 20 मिनट तो लगते ही हैं।
पत्रिका - कुछ आवेदन ऐसे हैं, जो एक-आधा मिनट के अंतराल से जारी किए गए हैं।चारण - कब के हैं, दस्तावेज पूरे हैं तो कर देते हैं।
पत्रिका - 28 मई के हैं और एक-एक मिनट के अंतराल से अप्रूव हुए हैं, दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं।
चारण - ऐसा तो नहीं हो सकता।
पत्रिका - श्रमिकों के आवेदन रात को भी अप्रूव कर सकते हैं क्या?
चारण - नहीं, आवेदन अपलोड कर सकते हैं। हमारे यहां ज्यादा पेंडेंसी होने पर रात को करते हैं। अभी जैसे भौतिक सत्यापन का चल रहा है तो पेंडेंसी होने पर करते हैं।
पत्रिका - आपके विभाग का कोई अधिकारी रात में स्वीकृतियां जारी कर सकता है क्या?
चारण - आठ बजे तक सभी करते हैं। रात को 12 बजे, 3 बजे या 4 बजे नहीं कर सकते।
पत्रिका - एक आवेदन को चैक करने में कितना समय लगता है।
चारण - एक आवेदन को देखने में 15 से 20 मिनट तो लगते ही हैं।
पत्रिका - कुछ आवेदन ऐसे हैं, जो एक-आधा मिनट के अंतराल से जारी किए गए हैं।चारण - कब के हैं, दस्तावेज पूरे हैं तो कर देते हैं।
पत्रिका - 28 मई के हैं और एक-एक मिनट के अंतराल से अप्रूव हुए हैं, दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं।
चारण - ऐसा तो नहीं हो सकता।