शिक्षा रैंकिंग में फिसला नागौर, तीन माह में 16 से 25 पर लुढ़का
फरवरी माह में जारी हुई सूची के बाद भी बढ़त हासिल नहीं कर पाए, राजस्थान कौंसिल ऑफ स्कूल एजुकेशन की जिलावार शिक्षा रैंकिंग जारी

जीतेश रावल
नागौर. शिक्षा क्षेत्र में नवाचार के बाद भी नागौर जिला लगातार पिछड़ता जा रहा है। पिछले तीन माह में ही जिला नौ अंक तक लुढ़क चुका है। गत फरवरी माह में जारी हुई जिलावार रैंकिंग सूची में नागौर 16 नम्बर पर था, लेकिन मई माह की सूची में यह लुढककर 25 पर आ गया। निचली रैंक पर होने के बावजूद न तो अपना नम्बर सुधारने पर ध्यान दिया गया और न ही सुधार हुआ। नतीजतन, जिले की रैंक एकदम से गिर गई। शिक्षा रैंकिंग, राजस्थान कौंसिल ऑफ स्कूल एजुकेशन की ओर से जारी की गई है। साथ ही राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर की ओर से जारी रैंकिंग में सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले की परफॉर्मेंस सुधारने को लेकर निर्देशित किया गया है।
हनुमानगढ़ ऊपर तो प्रतापगढ़ सबसे नीचे
शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर कोटा 17 नम्बर पर है। हां, चौथे नम्बर पर रहते हुए सीकर की स्थिति फिर भी ठीक है। रैंकिंग में हनुमानगढ़ पहले, जयपुर दूसरे व चूरू जिला तीसरे स्थान पर है। बांसवाड़ा, धौलपुर व प्रतापगढ़ की रैंकिंग सबसे खराब मानी गई है। ये जिले निचले पायदान पर है।
सघन मॉनिटरिंग के निर्देश
प्रदेश की जिला रैंकिंग में अंतिम पायदान पर रहे तीन जिलों में सुधार के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक ने इन तीनों जिलों के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी से रैंकिंग में सुधार की अपेक्षा की है। सीडीइओ को कहा है कि इसे प्राथमिकता देते हुए अंतिम स्थान पर रहने वाले इन तीनों जिलों की सघन मॉनिटरिंग करें। साथ ही इस स्थिति से ऊपर उठाने के सघन प्रयास करते हुए अपेक्षित सुधार लाया जाएं।
मई माह में जिलावार रैंकिंग
मई माह में प्रदेश की जिलावार शिक्षा रैकिंग में नागौर 25वें स्थान पर है। वहीं एक पर हनुमानगढ़, दूसरे स्थान पर जयपुर, तीसरे पर चूरू, चौथे पर सीकर, पांचवें पर चित्तौडग़ढ़, छह पर बूंदी, सात पर गंगानगर, आठ पर बारां, नौ पर अलवर, दस पर भरतपुर, 11 पर टोंक, 12 पर झुंझनूं, 14 पर पाली, 15 पर जोधपुर, 16 पर जैसलमेर, 17 पर कोटा, 18 पर डूंगरपुर, 19 पर दौसा, 20 पर बीकानेर, 21 पर करौली, 22 पर भीलवाड़ा, 23 पर झालावाड़, 24 पर जालोर, 26 पर सवाई माधोपुर, 27 पर अजमेर, 28 पर उदयपुर, 29 पर बाड़मेर, 30 पर राजसंमद, 31 पर बांसवाड़ा, 32 पर धौलपुर एवं अंतिम 33 वें पायदान पर प्रतापगढ़ जिला रहा।
इस तरह तय होती है रैंकिंग
शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने शिक्षा रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें सुधार के लिए पीइइओ को अपने अधीन स्कूलों के 43 पेरामीटर की सूचनाएं शाला दर्पण पर अपलोड करनी होती है। जिसमें शाला दर्पण पर जिले के स्कूलों में समुदाय से राशि प्राप्त करने वाले स्कूलों की संख्या की फीडिंग, ज्ञान संपर्क पोर्टल में प्राप्त राशि, बिजली, पानी की सुविधा से जुड़े स्कूल समेत अन्य 43 पेरामीटर वाले बिंदुओं को अपलोड करना होता है।
सुधार के प्रयास कर रहे हैं...
जिलावार रैंकिंग में पिछडऩा वाकई चिंताजनक है। इसमें सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं। जिला स्तर पर समस्या समाधान के लिए कहा गया है। योजना भी बनाई है, जिसके कि ब्लॉक स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। अक्सर आंकड़ा फीडिंग करने में लापरवाही बरती जाती है, जिससे पिछड़ रहे हैं। इस तरह की समस्या ठीक करेंगे तथा आंकड़ा फीडिंग को लेकर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुल ४३ प्वाइंट्स का ही आकलन करना होता है। उसमें से कुछ प्रतिशत भी ठीक कर ले तो रैंक बढ़ जाती है। स्कूल खुलने पर इसमें सुधार करवाएंगे।
- अजय बाजपेयी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, नागौर
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