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देश में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा भाव से काम करने की जरूरत

locationनागौरPublished: Oct 16, 2021 09:45:32 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. रक्ताल्पता से मुक्त करने के लिए शाखा स्तर पर काम हो

देश में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा भाव से काम करने की जरूरत

Nagaur. Vikrant Khandelwal, Organization Minister of UP, Delhi and Haryana of Bharat Vikas Parishad interacting with the people of the organization

नागौर. आजादी के 75वें वर्ष में भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक शाखा द्वारा स्थाई प्रकल्प खड़ा करने का संकल्प अपेक्षित है । इसके साथ देशभर में एनीमिया यानी कि रक्ताल्पता से मुक्त करने के लिए प्रत्येक शाखा स्तर पर भी इसमें कार्य किया जाना अपेक्षित है । यह विचार भारत विकास परिषद के यूपी, दिल्ली व हरियाणा के संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल ने एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। वह शनिवार को बीकानेर से जोधपुर प्रवास पर आए खंडेलवाल ने नागौर में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ अनौपचारिक कार्यक्रम में बातचीत कर रहे थे। अंडमान निकोबार , लक्ष्यदीप , पांडिचेरी , दादरा नगर हवेली , दमन द्वीप , लद्दाख , तवांग व सिक्किम आदि क्षेत्रों में क्षेत्रीय संगठन मंत्री के नाते कार्य कर चुके खंडेलवाल ने इस अवसर पर संगठन के कार्य के निमित्त अपने अनुभव कार्यकर्ताओं के समक्ष साझा किए । विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकल्प की स्थापना 1965 में आचार्य गिरिराज किशोर की अध्यक्षता में परिषद के तत्कालीन सदस्यों की पहल के रूप में हुई । इंटर स्टेट लिविंग, एसईआईएल में छात्र अनुभव , भारत के प्रत्येक छात्र के बीच एकता की भावना बढ़ावा देने के विनम्र उद्देश्य के साथ काम करने वाला एक ट्रस्ट है । ट्रस्ट की शुरुआत पूर्वोत्तर भारत और शेष देश के युवाओं के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ाना देने के उद्देश्य से की गई। जिसके अनुसार ट्रस्ट ने तब से अपना वार्षिक अध्ययन दौरा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें 15 सौ से अधिक छात्रों के जीवन को प्रभावित किया । वन नेशन , वन पीपल , वन कल्चर सील का मूल मंत्र है । इसमें अनुभवात्मक स्तर पर भावात्मक एकीकरण तथा हमारे राष्ट्र की आवश्यक एकता के बारे में दृढ़ विश्वास उत्पन्न किया जाता है । इससे पूर्वोत्तर व शेष भारत के विद्यार्थियों के मध्य मानवीय संचार की खाई को पाटने का कार्य किया जाता है । विशेष रूप से हमारे सीमा क्षेत्र राजस्थान , गुजरात , पंजाब क्षेत्र के लोगों और अन्य हिस्सों में लोगों की भिन्न-भिन्न जीवन शैली में क्षमता को उजागर करने का कार्य इसके माध्यम से होता है ताकि दूरदराज के क्षेत्रों और वहां के लोगों के बारे में अधिक जागरूकता उत्पन्न की जा सके । इस दौरान जोधपुर के मदन पालीवाल , नंदकिशोर मेहता एवं लघु उद्योग भारती के भोजराज सारस्वत , परिषद के संरक्षक हरीराम विश्नोई , चंद्रशेखर शर्मा , शाखा अध्यक्ष कैलाश सारडा , सचिव रवि प्रकाश सोनी , वित्त सचिव श्रीचरण प्रकाश डागा , हेमंत जोशी , बालकिशन भाटी , अधिवक्ता डा. पवन श्रीमाली तथा रामेश्वर सारस्वत आदि उपस्थित थे ।

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