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एक साल पहले देशनोक में बना नहरी विभाग का सीडब्ल्यूआर CWR धंसा

locationनागौरPublished: May 15, 2019 11:55:06 am

Submitted by:

Dharmendra gaur

नागौर लिफ्ट कैनाल के दूसरे चरण में देशनोक में हुआ निर्माण

Nagaur cwr news

एक साल पहले देशनोक में बना नहरी विभाग का सीडब्ल्यूआर CWR धंसा

नहरी विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर
नागौर. नागौर लिफ्ट कैनाल के दूसरे चरण में देशनोक में बने 23 एमएलडी सीडब्ल्यूआर का एक हिस्सा दो दिन पहले लीक होने से अधिकारियों में खलबली मच गई। यहां बने दो में से एक सीडब्ल्यूआर भीतर से धंस गया लेकिन किसी को कानों कान खबर तक नहीं होने दी। गौरतलब है कि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के द्वितीय चरण में सरकार को जापान की जायका ने 2938 करोड़ रुपए दिए हैं। इसके तहत नागौर जिले के जायल, डीडवाना मकराना, लाडनूं, परबतसर, कुचामन व नावां समेत इनके गांवों में पानी दिया जाना है। करीब एक साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जिले में द्वितीय चरण की परियोजना का जायल व डीडवाना में शुभारंभ किया था।


तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित
निर्माण के महज एक साल बाद ही सीडब्ल्यूआर क्षतिग्रस्त होने के कारण कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। परियोजना का कार्य करने वाली कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने के कारण ऐसा हुआ है। सीडब्ल्यूआर का ढांचा ज्यों का त्योंं खड़ा है लेकिन भीतर से जगह धंसने से पानी बाहर निकलकर पूरे परिसर में फैल गया। इसकी जानकारी होने पर अधिकारियों ने आनन-फानन में लीपापोती करने की कोशिश की लेकिन जागरूक नागरिक दीपवेन्द्र सिंह व अन्य लोगों की वजह से मामला सामने आ गया। कंपनी ने दो दिन में डम्पर लगाकर मिट्टी का भराव भी करवा दिया। हालांकि विभाग ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है, जो मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी।


गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवाल
निर्माण कार्य के करीब डेढ साल बाद सीडब्ल्यूआर धंसने से यह सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि करीब तीन से चार करोड़ की लागत से बने सीडब्ल्यूआर के कार्य की गुणवत्ता कैसी होगी। हालांकि यह निर्माण कार्य अभी तक निर्माण एजेंसी के गारंटी पीरियड में है, ऐसे में सीडब्ल्यूआर की मरम्मत या नए ढांचे का निर्माण करने की जिम्मेदारी एजेंसी की है। द्वितीय चरण में रख-रखाव व जलापूर्ति की जिम्मेदारी भी एलएंडटी कंपनी की होने के कारण कंपनी ने खुद के स्तर पर दुबारा निर्माण करने के लिए हामी भरी है। लेकिन इसमें जिम्मेदारों की लापरवाही सामने गई है। निर्माण कार्य की जांच के लिए एजेंसी के अलावा विभागीय स्तर पर भी विशेषज्ञों से जांच करवाएगी जाएगी।

कमेटी करेगी मामले की जांच
देशनोक में सीडब्ल्यूआर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। इसक जांच के लिए चीफ इंजीनियर दिनेश शर्मा ने एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की हैं। जांच रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इससे नागौर में जलापूर्ति बाधित नहीं होगी।
ऋषि तंवर, एसई, नहरी विभाग, नागौर

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