scriptमासूम को शिकार बनाते हैं नब्बे फीसदी जानकार या रिश्तेदार | Ninety percent know or relatives make innocent victims | Patrika News

मासूम को शिकार बनाते हैं नब्बे फीसदी जानकार या रिश्तेदार

locationनागौरPublished: Oct 25, 2021 09:05:54 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

नागौर. जिले में नाबालिग से बलात्कार के बाद उसकी हत्या करने वाले आरोपी को पोक्सो न्यायालय ने महज तीस दिन में फांसी की सजा सुना दी। असल में एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) ने महज पांच दिन में डीएनए रिपोर्ट देकर पीडि़त परिवार को जल्द न्याय दिलाने में पहल की।

डॉ राजेश सिंह, सहायक निदेशक एफएसएल जयपुर

पहले डीएनएन रिपोर्ट देरी से मिलने के कारण न्याय लंबित रहता था।

-एफएसएल के डीएनए रिपोर्ट जल्द पेश होने से न्याय जल्द

-फांसी वाले मामले में केवल पांच दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत

सूत्रों के अनुसार पहले डीएनएन रिपोर्ट देरी से मिलने के कारण न्याय लंबित रहता था। कुछ दिनों पहले एफएसएल को बारह साल तक की बालिका से बलात्कार/पोक्सो मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का चलन शुरू हुआ था। इसके लिए क्यूआरटी (क्विक रेस्पोंस टीम) बनाई गई है। कई ऐसे मामलों में यह रिपोर्ट तीन दिन में ही दे दी गई। एफएसएल के सहायक निदेशक डॉ राजेश सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ महीने से रिपोर्ट देने की गति यही है। निदेशक (स्टेट एफएसएल) डॉ अजय शर्मा के निर्देशन में पोक्सो मामले में शीघ्र से शीघ्र रिपोर्ट दी जा रही है। कोटखावदा में पिछले दिनों एक ऐसे ही मामले में महज तीन दिन में रिपोर्ट देने के बाद आरोपी को मात्र नौ दिन में ही उम्रकैद की सजा सुना दी गई।
बड़ी चुनौती थी

डॉ राजेश सिंह ने बताया कि नागौर जिले के हाल ही नाबालिक की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में डीएनएन रिपोर्ट देने चुनौती का काम था। बारिश की वजह से मिट्टी व अन्य कई कारणों से डीएनएन होने में परेशानी आ रही थी पर हमारी टीम दिन-रात इसमें जुटी रही और केवल पांच दिन में रिपोर्ट पेश कर दी। नागौर एसपी अभिजीत सिंह ने भी इसके लिए काफी फुर्ती दिखाई। पिछले करीब दो महीनों में बारह साल की बालिकाओं से रेप के मामले में तीन से पांच दिन में डीएनएन रिपोर्ट पेश की जा रही है, जिससे फैसले भी जल्द से जल्द दिए जा रहे हैं। किसी भी अपराध का बेहतर तरीके से अनुसंधान करने में एफएसएल की भूमिका अहम होती है। कई बार एफएसएल की रिपोर्ट नहीं आने के कारण केस ज्यादा समय तक लंबित रहता है।
।अगले माह से जोधपुर में भी डीएनए जांच

अगले माह से जोधपुर एफएसएल में डीएनए जांच शुरु हो जाएगी। इस यूनिट से पोस्को एक्ट के मामलों के निस्तारण को गति मिलेगी। मामलों में न्याय जल्द से जल्द मिलेगा। जोधपुर के आसपास के जिलों में नागौर, बीकानेर, सिरोही, पाली, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर जिलों के मामले संभवतया यहां शिफ्ट होंगे।
पोक्सो के महीने में दो दर्जन मामले

पूरे प्रदेश से महीने में दो दर्जन मामले पोक्सो के आ रहे हैं। सात साल से बारह साल की बालिकाओं से बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है। इनमें दो या तीन मामलों में हत्या कर दी जाती है। और तो और करीब 90 फीसदी मामलों में मासूमों को शिकार बनाने वाले रिश्तेदार अथवा परिचित ही होते हैं।
पहचान नहीं तो शक में गिरफ्तारी ज्यादा

बताया जाता है कि मासूम से बलात्कार के मामलों में कई बार बड़ी उलझन होती है। पहचान में गफलत या फिर बदहवास सी मासूम आरोपी पहचान नहीं पाती। ऐसे में कई बार शक के आधार पर गिरफ्तार आरोपी की जांच होती है जो मिलान नहीं करती। पिछले दिनों नाबालिग से बलात्कार के आरोप में पकड़े गए कथित आरोपी भी डीएनए की जांच के बाद मुक्त हो पाया।
इनका कहना है

एफएसएल रिपोर्ट अब जल्द से जल्द पेश हो रही हैं। अदालत के साथ सरकार ही नहीं डायरेक्टर डॉ अजय शर्मा के निर्देश पर इसको लेकर व्यवस्था पुख्ता है। आरोपियों को भी इससे जल्द से जल्द सजा मिल रही है।
-डॉ राजेश सिंह, सहायक निदेशक एफएसएल जयपुर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो