नागौरPublished: Mar 04, 2020 12:08:04 pm
Sharad Shukla
Nagaur patrika-रूण में प्रस्तावित नंदीशाला भूखण्ड के आवेदन में मिली कमियां, रूढ में स्थलीय जांच के दौरान भूखण्ड में अर्हता के अनुसार जमीन कम-Nagaur patrika
No longer in Rune, Nandisala will open in the future
नागौर. जिले में दो साल से नंदीशाला खोले जाने की योजना को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। हालांकि रूण़ में इसे खोले जाने की कवायद चल रही थी, लेकिन सामने आया है कि निर्धारित भूखण्ड के अभाव में यहां पर खोला जाना निरस्त कर दिया गया है। जबकि पहले पशु पालन विभाग की ओर से रूण़ में ही इसे जल्द खोले जाने के दावे किए गए थे। अब विभागीय अधिकारियों ने एक नई जगह खोज ली है। अधिकारियों के अनुसार इसे ताऊसर के निकट ही अतूसर क्षेत्र में खोला जाएगा। यहां पर मापदण्ड के अनुसार भूखण्ड की उपलब्धता भी है। विभाग की ओर से मंगलवार को भूखण्ड के उपलब्धता की जांच कर प्रस्तावित आवेदन की फाइल को आगे बढ़ाए जाने काम किया जाएगा।
दानदाता नहीं दे पाया भूखण्ड
जिले में नंदीशाला खोले जाने के लिए कई आवेदन आने के बाद इनमें से अधिकतर आवेदन निर्धारित अर्हता के अभाव में खुद-ब-खुद निरस्त हो गए। इसमें रूण क्षेत्र के आवेदक की ओर से 25 बीघा भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किए जाने के बाद निरीक्षण में जमीन कम मिलने पर दानदाता की ओर से इसकी कमी पूर्ति लगभग तीन दिनों में जल्द कर लिए जाने की बात कही गई थी। तीन दिन नहीं, दो सप्ताह से ज्यादा होने के बाद भी गतिरोध की स्थिति बनी रही। इसके बाद फिर से जांच की गई तो इसमें निर्धारित भूखण्ड की अनुलब्धतता बताते हुए निरस्त कर दिया गया। इस तरह से करीब एक साल से रूण में नंदीशाला खोले जाने की चल रही कवायद पर अब विराम लग गया।
अब अतूसर में खोलेंगे
पशुपालन विभाग के अनुसार नागौर क्षेत्र के ही अतूसर से आए आवेदन को प्रस्तावित प्रारूप में शामिल कर लिया गया। आवेदक के हिसाब से उसके पास करीब 36 बीघा भूखण्ड की उपलब्धतता है। अधिकारियों कहना है कि पहले भूखण्ड के अहर्ता की जांच की जाएगी। इसके बाद ही इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो फिर मार्च में जिले को एक नंदीशाला मिल जाएगी।
नंदीशाला नहीं होने के कारण जिले के बिगड़े हालात
जिले में प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अपने बजट घोषणा में प्रदेश के हर जिले के शहरी क्षेत्रों में लावारिश नर गो वंश से निजात दिलवाने के लिए योजना बनाई थी। उसी अनुसार प्रत्येक जिले एक नंदीशाला खोली जानी थी और नागौर में दो नंदी शालाएं स्थापित करनी थी। वर्ष 2018-19 के बजट में प्रत्येक जिले में एक एवं नागौर जिले में गोशालाओं की संख्या ज्यादा होने के चलते दो (नागौर व कुचामन सिटी) नंदी शाला खोलने की घोषणा की थी। प्रशासनिक गंभीरता के अभाव में अब जिले में नंदीशाला कागजों से बाहर निकल ही नहीं पाई। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
रूण में नंदीशाला के लिए भूखण्ड निर्धारित अर्हता पूरी नहीं होने पर निरस्त कर दिया गया है। ताऊसर के निकट अतूसर के आए आवेदन में यहां पर 36 बीघा भूखण्ड है। इसकी जांच करने के बाद ही अब प्रक्रिया को गति दी जाएगी।
डॉ. सी. आर. मेहरड़ा, संयुक्त निदेशक पशुपालन नागौर