नागौरPublished: May 03, 2019 10:41:47 pm
Sharad Shukla
कूलर की ठंडी हवा में नामांकन अभियान की समीक्षा
Now every child here will be given food
नागौर. चुनावी गर्मी के बीच जिले के शिक्षण संस्थानों में नामांकन अभियान शुरू भी हो गया, और पता भी नहीं चला। नामांकन अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय कमेटी क्षेत्रों में दौरा करने की अपेक्षा जिला कार्यालय में ही बैठकर अभियान की समीक्षा करने में लगी हुई है। अब प्रवेश में दर्शाए गए नामांकन का सत्यापन और इसके लिए निर्देशित गतिविधियां हो भी रही है कि नहीं, इसकी जांच भी जिला स्तरीय कमेटी कार्यालय के कूलर की ठंडी हवा में ही बैठकर की जा रही है। जबकि पूर्व में ही शिक्षा निदेशालय की ओर से जिला स्तरीय अधिकारियों को चेंबरों में नहीं, बल्कि संबंधित क्षेत्रों में गतिविधियों की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग के अनुसार अभियान शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी अधिकारियों ने गांवों में जाने की जहमत नहीं उठाई।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नामांकन अभियान की शुरूआत 26 अप्रैल से शुरू कर दी गई, और बच्चों के प्रवेश का कार्य भी शुरू कर दिया गाय। विभागीय सूत्रों के अनुसार हालांकि बच्चों के प्रवेश कार्य शुरू होने के मौके पर अभियान के पहले दिन कार्यक्रम कहां-कहां हुए इसका सत्यापन करने भी अधिकारी गए कि नहीं, और गए भी तो वहां पर सत्यापन में क्या मिला, आदि बिंदुओं पर इसकी प्रमाणिक तथ्यात्मक जानकारी या संतोषजनक उत्तर देने में विभागीय अधिकारी असमर्थ रहे। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि माध्यमिक शिक्षा के तहत अब तक अभियान शुरू होने से अब तक नौ दिन की अवधि में जिले भर के माध्यमिक शिक्षण संस्थानों में महज 357 बच्चों के प्रवेश ही आंकड़ों में दर्शाए गए हैं। अब यह आंकड़े कितने सही हैं, और कितने तथ्यात्मक, इसकी सही वस्तुस्थिति तो जांच के बाद ही सामने आ सकती है। जबकि प्रारंभिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश का आंकड़ा इसका दोगुना बताया जाता है।
अभियान शुरू होने के पहले यह करना था काम
शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधानों व शिक्षकों की मदद से नामांकन अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों को शिक्षण संस्थानों के भवन, अध्ययन की विशेषताएं, विद्यालय में मिलने वाली सुविधाएं, सरकारी योजनाओं के संचालन और इससे लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के बारे में समझाते हुए प्रवेश के लिए ग्रामीणों और बच्चों को समझाना था। ताकी अभियान शुरू होते ही बच्चों के प्रवेश के साथ इसमें गति आ सके। इसी लिए माध्यमिक शिक्षा की जिला स्तरीय कमेटी भी बनाई गई। इसमें एडीओ सुरेश सोनी, हितेश सोनी और नवरतन भाटी को शामिल किया गया। इसी तरह प्रारंभिक शिक्षा में कंट्रोल रूम बना। समीक्षा भी कार्यालय से ही होती रही। नौ मई को अभियान का पहला चरण समाप्त हो जाएगा, मगर अधिकारियेां की कार्यशैली के चलते बच्चों की संख्या हजार तक पहुंचे में भी अब संशय की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।
इनका कहना है…
माध्यमिक शिक्षा में नामांकन अभियान को गति दिए जाने के लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी प्रवेशोत्सव की पूरी समीक्षा कर रही है।
अंजना शुभम, डीईओ, माध्यमिक शिक्षा नागौर
प्रवेशोत्सव के लिए कंट्रोलरूम बनाया गया है, और नवप्रवेशित हुए बच्चों के संख्या की जांच के लिए गांवों में भी निरीक्षण किया जा रहा है।
बजरंगलाल स्वामी, डीईओ, प्रारंभिक शिक्षा, नागौर