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वीडियो : अब गांवों में लगेंगे एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट, बनेंगे वेयर हाउस, पढि़ए पूरी खबर

locationनागौरPublished: Sep 28, 2020 07:49:23 pm

Submitted by:

shyam choudhary

किसानों को कृषि प्रसंस्करण व कृषि व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाने की अनूठी योजना – किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एक करोङ तक का अनुदान व ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रावधान – राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत मिलेगा फायदा

ware houses will be built in villages

Now agro processing units will be set up in villages, ware houses will be built

नागौर. प्रदेश के किसानों को अब न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही अपनी उपज को स्टॉक रखने की सुविधा मिल सकेगी, बल्कि कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) करके सीधे निर्यात करने का मौका भी मिलेगा। इसके लिए किसानों को राज्य सरकार पूंजी निवेश में अनुदान देने से लेकर ऋण के ब्याज में भी अनुदान देगी। साथ ही कृषि उपज एवं तैयार माल को बाहर भेजने पर परिवहन में भी अनुदान देगी। कृषि के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आपूर्ति शृंखला एवं आधारभूत संरचना तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लाई गई राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 आने वाले दिनों में किसानों की तकदीन बदलने वाली साबित होगी।
राज्य सरकार की इस नीति के तहत किसानों को कृषि एवं पशुपालन दोनों क्षेत्रों में अनुदान व ऋण के ब्याज सहित परिवहन, बिजली, भू-रूपातंरण, सौर ऊर्जा संयंत्र, नमूना जांच आदि में अनुदान दिया जाएगा, ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि की जा सके। नीति की खास बात यह है कि कृषकों एवं उनके संगठनों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य सभी प्रकार के उद्यमियों के लिए लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
नीति के मुख्य उद्देश्य

इन गतिविधियों को मिलेगा लाभ
कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत फल और सब्जियां प्रसंस्करण, मसाला प्रसंस्करण, अनाज/अन्य उपभोक्ता खाद्य उत्पाद, तिलहन उत्पाद, चावल व आटा मिलिंग, दलहन प्रसंस्करण, हर्बल, औषधीय, फूल और सुगंधित उत्पाद, लघु वन उपज प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, गैर खाद्य कृषि प्रसंस्करण के साथ खाद्य जायके और रंग, ओलिओरेजिन्स और मशरूम सहित अन्य ऐसे कृषि और बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण किया जा सकेगा। इसके अलावा पशुपालन के क्षेत्र में दूध प्रसंस्करण, मांस, मुर्गी एवं मत्स्य प्रसंस्करण, केटल फीड, मुर्गी दाना, फिश मील उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
आधारभूत ढांवा विकास के क्षेत्र में
नीति के तहत संग्रहण एवं प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, फूड इरेडिएशन प्रोसेसिंग प्लांट्स, कोल्ड चेन, पैक हाउस, फूड पार्क की इकाइयां, एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर्स, रेफर वैन आदि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
कृषि व्यवसाय एवं निर्यात को प्रोत्साहन देना मुख्य उद्देश्य
राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि करना है, इसलिए इस नीति में किसानों को विशेष महत्व दिया गया है। इसके तहत जिले में अब तक कुल आठ आवेदन मिले हैं, जिसमें एक वेयर हाउस का स्वीकृत किया जा चुका है। शेष 7 आवेदनों को 14 अक्टूबर को होने वाली जिला स्तरीय छानबीन समिति की बैठक में रखा जाएगा। इसमें 4 प्रसंस्करण के आवेदन हैं तथा 3 वेयर हाउस के लिए हैं।
– रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, नागौर

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