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अब होगी बाहुबली की सम्पत्ति नीलाम, आबकारी विभाग को मिलेगा 104 करोड़ का बकाया

locationनागौरPublished: Apr 14, 2021 12:25:14 am

Submitted by:

Ravindra Mishra

नागौर. अयोध्या के एक बाहुबली की सम्पत्ति नीलाम होने की आहट से राजस्थान के आबकारी विभाग को अपना बकाया वापस आने की उम्मीद जगी है। यह बकाया कोई एक-दो करोड़ नहीं है, बल्कि करीब एक सौ चार करोड़ है। तकरीबन बीस बरस की इस उधारी की पूरी वसूली हो पाएगी, इस पर संशय है। लेकिन जितना आ जाए उसका बेसब्री से इंतजार हो रहा है।

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संदीप पाण्डेय

मूल बकाया 23 करोड़ नहीं चुकाने पर अब ब्याज-जुर्माना बढकऱ इतना हो चुका है कि इसकी वापसी बाहुबली की चल-अचल सम्पत्ति की नीलामी के बाद भी पूरी होना मुश्किल है। उसके एक बहुमंजिला परिसर की नीलामी होने को है।
सूत्रों के अनुसार बाहुबली राजेश कुमार निगम मूलत: अयोध्या (फैजाबाद) का रहने वाला है। वर्ष 1999 से 2001 तक दो साल का पूरे नागौर जिले का ठेका राजेश कुमार एण्ड पार्टी ने लिया था। शराब का यह ठेका वो पूरे दो साल नहीं चला पाया। एक साल के बाद बराबर किस्त नहीं देने पर इसका ठेका निरस्त कर दिया गया। उसकी धरोहर राशि करीब पांच करोड़ जब्त भी कर ली गई। उसके कुछ दिन बाद बाहुबली राजेश कुमार निगम नागौर से गायब हो गया। इसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई पर हाथ कुछ नहीं लगा। यहां तक कि आबकारी टीम राजेश कुमार निगम को तलाशने अयोध्या तक पहुंची तो उसे इस बाहुबली के आतंक से अवगत कराते हुए दूर रहने को कह दिया गया।
सूत्र बताते हैं कि उससे बकाया की वसूली करने का प्रयास वर्ष 2002 से ही शुरू हो गया। पहले आबकारी विभाग की ओर से उसको बकाया का नोटिस भेजा गया। इसके बाद तत्कालीन नागौर जिला कलक्टर ने भू राजस्व अधिनियम के तहत अयोध्या कलक्टर को मांग पत्र जारी किया। इस पर अयोध्या के उप जिला अधिकारी व तहसीलदार को मामले के निपटारे के लिए कहा गया। इसका पता चलते ही बाहुबली राजेश कुमार निगम इलाहबाद हाईकोर्ट गया तो कुर्की पर स्टे ले आया। बताया जाता है कि दो बार स्टे लाने के बाद अब मामला फिर अयोध्या कलक्टर के हाथ आ गया है और उसकी सम्पत्ति की कुर्की शुरू कर दी गई है। शुरुआती चरण में अयोध्या के अलका टॉवर की नीलामी होनी है। इसके बाद उसकी अन्य सम्पत्ति की नीलामी का नंबर आएगा।
….घाटा या गड़बड़ी, फिर बढ़ता गया कर्ज
सूत्र बताते हैं कि बाहुबली राजेश कुमार निगम ठेके के पहले साल किस्तें समय पर जमा कराता रहा। फिर किस्त जमा नहीं हुई। बताया तो यह भी जाता है कि उसने माल उठाने में भी गड़बड़ी की। ठेका निरस्त होने के बाद उसे करीब 23 करोड़ की देनदारी का नोटिस दिया गया पर कोई जवाब नहीं भेजा। कोर्ट-कचहरी की शरण लेकर बचता रहा, आबकारी विभाग की टीमों को बैरंग लौटाता रहा, धमकाता रहा। ब्याज व अन्य जुर्माना बढकऱ बीस साल में एक सौ चार करोड़ तक पहुंच गया। राजेश कुमार निगम को पहला नोटिस 54.39 करोड़ का भेजा गया तो दूसरा 49.27 करोड़ का था। इस तरह करीब एक सौ चार करोड़ के बकाया में से बाहुबली ने धेला भर भी नहीं दिया। मतलब मूल रकम बढ़ते-बढ़ते एक सौ चार करोड़ तक पहुंच गई।
अब पत्नी और पुत्र से बात
सूत्रों का कहना है कि बाहुबली राजेश कुमार निगम की वर्ष 2006 में मौत हो गई। उसके बाद से नागौर का आबकारी विभाग कार्यालय उसकी पत्नी रितु और पुत्र ईशान से पत्र व्यवहार कर रहा है। पता चला है कि आबकारी विभाग ने चंद दिनों पहले ही उनसे बात कर विशेष राहत देकर कुछ रकम जमा कराने को कहा है, ताकि पूरे मामले का निस्तारण हो सके। इसके बाद भी उन्होंने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया।
अकूत सम्पत्ति का साम्राज्य पर…
सूत्रों की मानें तो राजेश कुमार निगम का अयोध्या ही नहीं उत्तरप्रदेश के कई बड़े शहरों में राज रहा है। शराब ठेकेदार के अलावा वो भू-माफिया के साथ दबंगई के लिए भी फेमस रहा। राजनीतिक रसूख के चलते भी उसका नाम था। बताया जाता है कि बीस साल पहले पूरे नागौर जिले का ठेका लेने वाले राजेश के साथ कुछ स्थानीय लोग भी थे, लेकिन उसके चंपत होते ही वो भी गायब हो गए। उसकी सम्पत्ति बेहिसाब है पर अब भागीदार ज्यादा होना भी बड़ी चुनौती बन चुका है।
इनका कहना है

करीब बीस साल पहले पूरे जिले का ठेका राजेश कुमार निगम एण्ड पार्टी के पास था। घाटा या अन्य कारण के चलते इसे निरस्त कर दिया गया। उसके 23 करोड़ की देनदारी ब्याज व अन्य मिलाकर एक सौ चार करोड़ तक पहुंच गई। हमनें उसकी पत्नी और पुत्र को विशेष राहत देकर कुछ राशि जमा करने का प्रस्ताव कुछ दिन पहले भी दिया पर वे नहीं माने। अब उसकी सम्पत्ति की कुर्की-नीलामी से बकाया मिलेगा।
-मोहनराम पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी, नागौर।

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