नागौरPublished: Dec 02, 2022 10:08:31 pm
Sharad Shukla
Nagaur. तीन साल बाद फिर से शुरू होगा पशुओंका बीमा
करीब तीन साल पहले भामाशाह पशु बीमा योजना चलने के महज एक साल बाद हो गई थी बंद
अब पशु पालन विभाग का उच्च स्तर पर निजी कंपनी से अनुबंध के बाद पशु पालकों को मिलेगा पशु बीमा योजना का लाभ
केन्द एवं राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुई पशुधन पशु बीमा योजना
नागौर. आखिरकार तीन साल बाद एक बार फिर से पशु बीमा येाजना से शुरू होने से पशुपालकों को अब राहत मिलने की उम्मीद नजर आने लगी है। पूर्व में भामाशाह पशु बीमा योजना तकरीबन एक साल चलने के बाद बंद अचानक बंद हो गई थी। इसके बाद से फिर पशुओं का बीमा पशुपालन विभाग की ओर से नहीं किया जा रहा था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पशुपालन विभाग एवं युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के बीच अनुबंध हुआ है। इस अनुबंध के बाद लंबे समय से परेशान पशुपालक अब पशुओं को तो बीमा कराने के साथ ही बैकिंग योजनाओं भी अब सहजता से लाभ उठा सकेंगे।
जिले में करीब तीन साल से भी ज्यादा समय से पशुओं का बीमा कराने के लिए परेशान होते पशुपालकों को आखिरकार अब जाकर राहत मिली है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के तत्वावधान में शुरू हुई इस योजना में पालक अब अपने पशुओं का बीमा रियायती प्रीमियम की दर के साथ ही सरकारी छूट का लाभ लेते हुए सहजता से बीमा करा सकते हैं। पशुधन पशु बीमा योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, बीपीएल श्रेणी के पशुपालकों को प्रीमियम पर 70 प्रतिशत सब्सिडी देय रहेगी। जबकि सामान्य श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान जाएगा। इस योजना के तहत गाय की न्यूनतम कीमत तीन हजार रुपए प्रति लीटर दूध उत्पादन भैंस की न्यूनतम कीमत 4 हजार रुपए प्रति लीटर दूध उत्पादन की दर से निर्धारित की जाएगी।
पशु बीमा योजना में किस पशु का कितना होगा बीमा
दुधारू गाय का 40,000 रुपए का बीमा होगा।
दुधारू भैंस का 50,000 रुपए का बीमा होगा।
10 भेड़ 10 बकरी 10 सूअर का 50,000 हजार रुपए का बीमा होगा।
ऊंट, घोड़ा, गधा, सांड, पड़ा का 50,000 हजार रुपए का बीमा होगा।
इस योजना के तहत एक पशुपालक के द्वारा अधिकतम पांच पशुओं का बीमा किया जा सकता है।
भेड़, बकरी, सूअर की केटल यूनिट में दस पशु मानते हुए पचास पशुओं का अथवा पांच बड़े पशुओं गाय, भैंस आदि का बीमा किया जा सकेगा।
दस वर्ष तक के पशुओं का होगा बीमा
पशुपालन विभाग के अनुसार में दुधारु पशुओं में गाय का दो से 10 वर्ष एवं भैंस का तीन वर्ष से दस वर्ष आयुवर्ग तक ही बीमा किया जा सकेगा। इसी तरह भारवाहक पशुओं में दो से आठ वर्ष ऊंट का तीन से आठ वर्ष एवं छोटे पश्ुाओं में ***** तथा भेड़ आदि का एक से तीन वर्ष की उम्र होने पर ही बीमा किया सकेगा। इसमें अधिकतम बीमित देय राशि पचास हजार की रहेगी। बीमा कराने के लिए पालकों को पशुपालन विभाग के कार्यालय में संपर्क कर आवेदन भरना होगा। इसके बाद पशुपालक के यहां चिकित्सक एवं बीमा कंपनी का प्रतिनिधि पहुंचेगा। पशु चिकित्सकीय परीक्षण के साथ ही बीमा किया जाएगा। बीमा होने के बाद पशुओं को टैग लगाया जाएगा।
इसका भी रखना पड़ेगा ध्यान
जिस भी पशु का बीमा किया गया है यदि उसका टैग गिर जाता है या खो जाता है तो तुरंत पशु चिकित्सक अधिकारी को सूचित किया जाएगा तथा नया टैग लगवाना होगा।
टैग एवं फोटो की राशि बीमा कंपनी द्वारा ही दी जाएगी। पशु की मृत्यु दुर्घटना, बिजली, बाढ़, आंधी, तूफान, भूकंप से होती है तो बीमा का लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा बीमा अवधि के दौरान होने वाली बीमारी या रोग से पशु की मृत्यु होती है तो बीमा लाभ दिया जाएगा।
इनका कहना है...
तकरीबन तीन साल बाद पशुओं के लिए राहत की खबर है। विभाग की ओर से निजी कंपनी से अनुबंध हो चुका है। पशुओं का बीमा अब फिर से शुरू कर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित पशुपालक इसके लिए पशुपालन विभाग से जानकारी प्राप्त कर इसमें लाभान्वित हो सकते हैं।
डॉ. महेश मीणा, संयुक्त निदेशक पशुपालन नागौर