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अब खुलेगी विधायक बनाने की पाठशाला, न होगा भीड़ का भ्रम, ना टिकट का टोटका

locationनागौरPublished: Sep 14, 2017 06:36:39 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

राजनीति की न तो कोई पाठशाला होती है और ना ही ट्रेनिंग, अभिनव राजस्थान का नया प्रयोग, कई जिलों के युवाओं ने करवाया पंजीयन।

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धर्मेन्द्र गौड/नागौर. कहा जाता है कि राजनीति की न तो कोई पाठशाला होती है और ना ही ट्रेनिंग। हिंदुस्तान की राजनीति के आजाद भारत में कदम रखने से लेकर अब तक के सफर में बहुत बदलाव हुए हैं, लेकिन राजनेताओं की ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था नहीं हुई। व्यक्ति वंशवाद के सहारे तो कभी धन बल या भुजबल के सहारे सत्तासीन हो जाता है लेकिन अब राजनीति में एक नया प्रयोग करने जा रहा है अभिनव राजस्थान। जी, हां यह संगठन अब विधायक बनने का प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है।
बदलाव की बयार जरुरी

जिंदगी की पाठशाला में हर व्यक्ति हर दिन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ न कुछ नया सीखता है और डॉक्टर, इंजीनियर, कलक्टर के लिए भी प्रशिक्षण जरुरी होता है, लेकिन एक राजनेता जनता जनार्दन की मदद से विधायक तो कभी सांसद बन जाता है। अभिनव राजस्थान के जरिए युवाओं को साथ लेकर समाज में बदलाव की बयार लाने की शुरुआत कर चुके नागौर जिले के मेड़ता सिटी निवासी डॉ. अशोक चौधरी वैसे तो प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देकर युवाओं का भविष्य संवारने में जुटे हैं, लेकिन इस संगठन के जरिए उन्होंने राजनीति को एक नई दिशा देने की ठानी है।
युवा दिखा रहे जोश
लोगों को लगता है कि वे काबिल हैं, वाक कला में प्रवीण है, जनता की सेवा करने का जज्बा रखते हैं। जनता से अच्छे सम्पर्क हैं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं तो ऐसे लोग इसका प्रशिक्षण ले सकते हैं। एमबीबीएस करने के बाद इंडियन पोस्टल सर्विसेज में सेवाएं दे चुके चौधरी की ‘राजनीति की पाठशाला’ में प्रशिक्षण लेकर खुद को एमएलए बनने के काबिल बनाने के लिए Nagaur के अलावा जोधपुर, जालोर, पाली, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, चूरू, सीकर, अजमेर, जयपुर, अलवर, करौली व सवाई माधोपुर के इच्छुक व्यक्ति पंजीयन करवा चुके हैं।
विशेषज्ञ देंगे प्रशिक्षण
पुष्कर में 14-15 अक्टूबर को दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शुरू होगा। मूल विषयों पर विशेषज्ञों का 10 सत्रों में बात के दौरान संवाद होगा। इसके बाद फील्ड वर्क शुरू होगा, जिसका फीडबैक और टेस्ट हर दो महीने में होगा। अभिनव राजस्थान संगठन के प्रणेता चौधरी का कहना है कि अच्छे लोगों के राजनीति में आने से यह भ्रम टूटेगा कि विधानसभा में पहुचंने के लिए करोड़पति होना, राजनीति में गोडफादर होना जरुरी है। क्षेत्र की समस्याओं को उठाने, लोगों का विश्वास जीतने से लेकर विधानसभा में जनता की आवाज बनने का प्रशिक्षण ऐसे लोग देंगे जो किसी पार्टी के दम पर नहीं बल्कि काबिलियत के दम पर विधानसभा में पहुंचे हैं।
योग्यजनों का सदन में पहुंचना जरुरी
स्वस्थ और असली लोकतंत्र की स्थापना के लिए योग्यजनों का विधानसभा में पहुंचना जरूरी है। यूं ही बैठे ठाले निंदा करने और बिना तैरना सीखे नदी में कूदने से काम नहीं चलेगा। नव सामन्तवाद का अंत करने के लिए भीड़ का भ्रम और पैसे का पाखंड और टिकट का टोटका तोडऩा होगा।
– डॉ.अशोक चौधरी, संयोजक, अभिनव राजस्थान
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