scriptअब बालिकाओं को नहीं करनी पड़ेगी अपनी सेहत की चिंता | Now girls will not have to worry about their health | Patrika News

अब बालिकाओं को नहीं करनी पड़ेगी अपनी सेहत की चिंता

locationनागौरPublished: Jul 22, 2018 12:34:23 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों के एरिया में सर्वे के निर्देश जारी, विटामिन एवं दवाओं के भी होंगे प्रबन्ध

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नागौर. अब 11 से चौदह वर्ष तक की बालिकाओं की सेहत का महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से बालिका शक्ति योजना के तहत ड्राप आउट बच्चियों को शामिल किए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। विभाग की ओर से केन्द्रवार सर्वे कर बच्चियों को चिंहित किए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें शामिल बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच भी विभाग ही कराएगा। बच्चियां बीमार मिली तो उनके उपचार के लिए भी प्रबन्ध किए जाएंगे। जिले के मकराना, जायल, रियाबड़ी, मेड़ता, गोटन, नागौर, खींवसर, डीडवाना, डेगाना एवं कुचामन आदि क्षेत्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहयोगिनियों को क्षेत्रवार सर्वे किए जाने के निर्देश मिले हैं। सर्वे में आंगनवाड़ीकार्यकर्ताओं को इसमें क्षेत्र के गणमान्यों एवं जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग लिए जाने का परामर्श विभाग ने दिया है। ताकि इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत न आ सके। अधिकारियों का कहना है कि ड्राप आउट बच्चियों के लिए प्रतिदिन सर्वे के निर्देश हैं। दिनवार सर्वे रिपोर्ट कार्यकर्ताओं को अपने संबंधित अधिकारियों को दिए जाने के लिए कहा गया है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारियों की ओर से भौतिक सत्यापन कर इसकी अंतिम रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। जिससे संख्यानुसार बच्चियों के भेाजन आदि के बजट की व्यवस्था भी यथासमय की जा सके। भौतिक सत्यापन के दौरान सर्वे रिपोर्ट से मिलान नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई
भी होगी।
यह है बाल शक्ति योजना
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार योजना के तहत 11 से 14 साल तक की ड्राप आउट बालिकाओं के लिए सप्ताह भर के आहार की व्यवस्था करने के साथ ही आवश्यकता होने पर विटामिन टेबलेट्स आदि के प्रबन्ध करना। बालिका के अस्वस्थता की स्थिति में उपचार कराने के प्रबन्ध भी कराए जाएंगे।
चार लाख से ज्यादा का मिला लक्ष्य
विभाग की ओर से पूर्व में इस तरह की योजनाओं में तकरीबन चार लाख से ज्यादा बालिकाएं एवं किशोरी लाभान्वित हुई थी। बाद में योजना खत्म हो जाने के कारण बालिकाओं के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। अब फिर से नए सिरे से योजना के नवीन रूप में लागू होने के बाद फिर से ड्राप आउट बच्चियों की तलाश शुरू कर दी गई है। इससे बालिकाओं को काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद नजर आने लगी है।
इनका कहना…
बालिका शक्ति येाजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहयोगिनियों को सर्वे किए जाने के निर्देश जारी किए हैं।
दुर्गासिंह उदावत, सीडीपीओ, आईसीडीएस नागौर

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