अब स्कूली बच्चे खोलेंगे दूध की ‘सेहत’ का राज
नागौरPublished: Sep 03, 2018 12:19:36 pm
नागौर. लगातार छह दिन तक दूध पिलाए जाने की हुई शुरूआत
Guinani school again operated in single innings
नागौर. राजकीय शिक्षण संस्थानों में इस माह से सप्ताह में लगातार छह दिनों तक बच्चों को दूध पिलाने की शुरुआत एक सितंबर से कर दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार पहले एवं दूसरे चरण में नामांकित हुए बच्चों की संख्या को ध्यान में रखते हुए बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है। हालांकि इसकी रिपोर्ट संस्था प्रधानों को प्रतिदिन दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन पांच सितंबर के बाद अधिकारी स्कूलों में खुद जाकर इसकी जांच करेंगे। बच्चों से दूध की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल किए जाएंगे कि दूध पीया कि नहीं, दूध का स्वाद कैसा था…वगैरह-वगैरह। इस माह से जिले के शिक्षण संस्थानों में ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को स्कूल अवधि में प्रतिदिन दूध पिलाए जाने के अभियान की शुरूआत हो गई है। नामांकन के बाद बच्चों की बढ़ी संख्या के कारण बजट औसतन बढ़ाना पड़ा। विद्यालयों के संस्था प्रधानों को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूल खुलने की अवधि में बच्चों को प्रतिदिन दूध का सेवन कराना अनिवार्य है। इस दौरान शिक्षा विभाग की ओर से गठित जिला स्तरीय टीम भी पांच सितंबर के बाद जिले के शिक्षण संस्थानों में जाकर खुद दूध की गुणवत्ता की जांच करेगी। इस दौरान पात्र बच्चों से दूध के बारे में सवाल किए जाएंगे कि उन्होंने दूध कैसा था, आदि पर बातचीत के बाद रिपोर्ट तैयारकर निदेशालय भेजी जाएगी।
’माह में दो बार दूध की जांच’ : एक सितंबर से प्रदेश के सभी स्कूलों में सप्ताह में छह दिन दूध दिए जाने की शुरुआत होने के बाद अब माह में दो बार अनिवार्य रूप से इसके गुणवत्ता की जांच करानी होगी। हालांकि पहले की तरह स्कूलों में फ ीका दूध ही मिलेगा, लेकिन इस बार दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए महीने में दो बार दूध की सैंपल लेकर जांच कराए जाने के निर्देश निदेशालय ने दिए हैं।
लेक्टोमीटर भी
दिखाना पड़ेगा
स्कूलों में दुग्ध आपूर्ति की गुणवत्ता सही है, कम तो नहीं आता, बच्चों तक पहुंचने के दौरान रास्ते में दूध की गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं होती, लेक्टोमीटर संस्था प्रधानों की ओर से खरीदा गया कि नहीं,आदि की जांच करने के साथ ही इसके फोटोग्राफ भी जांच दल की ओर से लिए जाएंगे। ताकि निदेशालय भेजने के दौरान संलग्न रिपोर्ट में फोटोग्राफ का हवाला दिए जाने के साथ ही रिपोर्ट की वैधता एवं इसकी वास्तविक स्थिति पूरी तरह से उच्चाधिकारियों के सामने आ सके।
&इस माह से स्कूल खुलने की अवधि में लगातार छह दिन तक बच्चों को दूध पिलाए जाने के कार्यक्रम की शुरूआत हो चुकी है। जल्द ही जिले के ब्लॉकों में इसकी जांच की जाएगी।
रजिया सुल्ताना, जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक नागौर
&स्कूलों में छह दिन तक दूध पिलाने की अवधि की रिपोर्ट संस्था प्रधानों को प्रतिदिन दिए जाने के निर्देश हैं।जल्द ही जिले के विद्यालयों में कार्यक्रम की जांच की जाएगी। बच्चों से दूध की गुणवत्ता को लेकर भी बातचीत की जाएगी।
ब्रह्माराम चौधरी, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक नागौर