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अब बाबुओं व दलालों की नहीं गलेगी दाल…!

locationनागौरPublished: Nov 08, 2017 07:20:16 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

वाहन रजिस्ट्रेशन, टेक्स जमा होने के साथ ही विभागीय प्रक्रिया की समस्त जानकारियां प्रमाणिक संदेश के साथ मिलेंगी मोबाइल पर परिवहन विभाग के नए साफ्टवेयर

Nahaur patrika news

Now the babu and the brokers will not dal the pulse

नागौर. वाहन मालिकों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें टेक्स जमा कराने के लिए दलालों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी। विभाग की ओर से अपग्रेड किए कम्प्युटर साफ्टवेयर के 4.0 वर्जन में सभी विभागीय प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसे नया नाम ‘केन्द्रीय वाहन साफ्टवेयर’ दिया गया है। इसमें आरटीओ कार्यालय की प्रत्येक कार्रवाई का विवरण संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर संदेश के रूप में आएगा। इससे न केवल वाहन मालिकों को उनके टेक्स या पंजीकरण करने की प्रमाणिक जानकारी तुरन्त मिल सकेगी, बल्कि इसके स्टेट्टस के बारे में भी खुद पता कर सकेंगे। परिवहन विभाग की ओर से केन्द्रीय वाहन साफ्टवेयर के अपग्रेड वर्जन के लांच होने के साथ ही अब दलालों की मनमानी पर कुछ हद तक अंकुश लगने की उम्मीद जगी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वाहन पंजीकरण के दौरान ही वाहन मालिक का मोबाइल नंबर भी दस्तावेज में शामिल किया जाएगा। इसके बाद विभाग की कार्रवाई का विवरण उन्हें मिलता रहेगा। मसलन वाहन मालिक की फीस या टैक्स जमा होते ही सर्वर मोबाइल पर ब्यौरा देगा। अप्रूवल होने, निरस्त होने अथवा आरसी जारी होने की सूचना भी मोबाइल पर मिलेगी। इससे वाहन मालिकों को फीस टैक्स, रजिस्ट्रेशन, आरसी आदि काम के लिए बार-बार आरटीओ दफ्तर जाकर बाबुओं व दलालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मोबाइल पर मैसेज आने से प्रत्येक कार्रवाई की पुष्टि हो जाएगी। इसमें यह स्पष्ट रूप से अंकन रहेगा कि उनकी ओर से कितनी फीस जमा हुई है, और कितना टेक्स जमा किया गया है। यह संदेश प्रमाणिक माना जाएगा।
राष्ट्रीय सर्वर से जुड़ा कार्यालय
नागौर जिला परिवहन कार्यालय के सर्वर एक्सपर्ट जयदीप चारण ने बताया केंद्र के वाहन वर्जन 4.0 का सॉफ्टवेयर लांच होने के बाद परीक्षण के तौर पर एक वाहन का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसका रजिस्ट्रेशन होने के साथ ही आरटीओ सीधे राष्ट्रीय सर्वर से जुड़ गया। इससे पहले खुद के सर्वर पर काम होता था। बाद में इसे स्टेट सर्वर से होते हुए नेशनल को भेजा जाता था। अब सीधे नेशनल सर्वर से जुडऩे से समय की बचत होगी। इससे यह भी फायदा होगा कि देश के किसी भी हिस्से से आए वाहन की जानकारी इंजन के चेसिस नंबर डालते ही चंद सैकण्ड में आंखों के सामने होगी।
अब नहीं करनी पड़ेगी माथापच्ची
नया वाहन खरीदने पर डीलर उस वाहन से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन फीड कर जिला परिवहन कार्यालय को भेज देगा। टैक्स रजिस्ट्रेशन शुल्क बैंक के सरकारी खाते में डीलर ही जमा करा देगा। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला परिवहन अधिकारी डीलर की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी की जांच करेंगे। इसके बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर जिला परिवहन कार्यालय आवंटित कर डीलर को ऑनलाइन सूचना भेज देगा। इतनी कवायद करने के बाद डीलर ऑनलाइन ही इसकी तथ्यात्मक जानकारी मालिक को उपलब्ध करा सकेगा।
मिटेगी टेंशन
ऑनलाइन वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान डीलर अथवा खरीदार कार्य में प्रगति की ऑनलाइन जानकारी हासिल कर सकेंगे। वैंडर द्वारा खरीदार से ज्यादा राशि वसूली के प्रकरण पर अंकुश लग जाएगा। डीलर को मिलने वाले सर्विस टैक्स का निर्धारण परिवहन विभाग की ओर से किया जाएगा। कुछ लोगों को वाहन की खरीदारी करने के बाद पैसे की बचत करने के लिए खुद पंजीकरण कराने पर जिला परिवहन कार्यालय एवं बैंक आदि के चक्कर लगाने पड़ते थे। जिला परिवहन अधिकारी ओमप्रकाश बुडानिया ने बताया
नए साफ्टवेयर के अपग्रेड वर्जन के लांच होने के बाद इसमें काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इससे वाहन मालिकों व विभाग को काम करने में काफी सहूलियत मिलेगी।

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