यहां छात्राएं ज्यादा सूत्र बताते हैं कि इस सत्र वर्ष 2021-22 में ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा में पढऩे वाली छात्राएं इन ब्लॉकों में छात्रों से भी अधिक हैं। डेगाना, कुचामन, लाडनूं, मेड़तासिटी, मकराना, मौलासर और नावां में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। खींवसर, डीडवाना, डेगाना, जायल, मूण्डवा, नागौर और परबतसर में छात्र थोड़ा ज्यादा हैं। हालांकि कुल संख्या देखें तो पूरे जिले में छात्रों की तुलना में करीब दस हजार छात्राएं अधिक हैं।
चलन तो ऐसा है… सूत्रों का कहना है कि बेटे को प्राइवेट तो बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाने का चलन रहा है। बावजूद इसके नागौर जिले में आधी बेटियों की पढ़ाई दसवीं के बाद समाप्त हो जाया करती थी वो चलन बदलता जा रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि आठवी-दसवी के बाद बेटियों को आगे पढ़ाने-बढ़ाने की पहल अब निखर रही है। कक्षा एक से बारहवीं तक के कुल 4 लाख 10 हजार 831 बच्चों की संख्या पर भी नजर डालें तो लड़के एक लाख 97 हजार 211 हैं तो लड़कियां 2 लाख 13 हजार 620 हैं। शहरी इलाकों में तो ये पहले भी ठीक रहा पर ग्रामीण इलाकों में बालिका शिक्षा को लेकर नई क्रांति हुई है।
इनका कहना पंचायत स्तर पर सीनियर सेकण्डरी स्कूल बढऩे, जागरूकता के साथ सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधा भी इसका कारण रहे हैं। पहले दसवी तक ही काफी बालिकाएं पढ़ती थी, अब आगे बढ़ रही हैं।
-बस्तीराम सांगवा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नागौर