नागौरPublished: Aug 28, 2018 11:38:43 am
Sharad Shukla
जिला हॉस्पिटल में पर्ची बनवाने के बाद चिकित्सकों को अब तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्य गेट से अंदर प्रवेश करते ही दाहिनी ओर एक-साथ वहां पर बैठे हुए चार डॉक्टर्स मिल जाएंगे।
team of administrative officials surprised by the situation of JLN H
नागौर. जिला हॉस्पिटल में पर्ची बनवाने के बाद चिकित्सकों को अब तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्य गेट से अंदर प्रवेश करते ही दाहिनी ओर एक-साथ वहां पर बैठे हुए चार डॉक्टर्स मिल जाएंगे। इसके लिए हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से एक बड़े हॉल को सुव्यवस्थित किए जाने का काम तेज कर दिया गया है। सबकुछ योजनानुसार चला तो फिर इसी माह से लोगों को यह सुविधाएं मिलने लगेंगी
जिला हॉस्पिटल का लुक इसी माह से बदला-बदला सा नजर आए। हॉस्पिटल में प्रवेश करते ही अब एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सक भी अब सामने मिल जाएंगे। आने वाला रोगी अपनी इच्छानुसार किसी भी दोनों में से किसी भी पैथी के चिकित्सक को अब दिखा सकेगा। हॉस्पिटल प्रशासन के अनुसार पहले मरीज पर्ची बनवाने के बाद संबंधित चिकित्सकों के स्थापित कमरे नंबरों में पहुंंचते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके लिए हॉस्पिटल की ओर से चार कमरों को एक हॉलनुमा कक्ष में परिवर्तित कर दिया गया है। यह हॉल परिसर की मुख्य बिल्डिंग से सटे परिसर के बिलकुल बगल में स्थापित है। यहां पर चार मेडिकल आफिसर्स आउटडोर के समय पर अपनी सेवाएं देंगे। इनके साथ ही आयुष विभाग के चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे।
इस तरह मिलेगी रोगियों को सहायता
सर्दी, जुकाम व बुखार आदि से पीडि़त रोगियों को अब सीधा यहीं पर देखा जा सकेगा। रोग की प्रकृति-स्थिति गंभीर होने पर यहां के एमओ की ओर से उसे संबंधित चिकित्सक के पास भेज दिया जाएगा। यही नहीं, पहले आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने वालों को संबंधित कक्ष तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। थक-हारकर वह मजबूरी में एलोपैथिक चिकित्सक को ही दिखाकर रवाना हो जाते थे, लेकिन इसके बाद फिर अब यह सुविधा भी सभी को सरलता से उपलब्ध हो सकेगी।
इसलिए लिया गया फैसला
हॉस्पिटल प्रशासन के अधिारियों का कहना है कि अक्सर चिकित्सकों के वार्ड में राउण्ड पर जाने अथव किन्हीं कारणों से चिकित्सक के अनुपस्थित होने की स्थिति में रोगियों में गलत संदेश जाता था कि हॉस्पिटल में जाने पर चिकित्सक मिलते ही नहीं। इस तरह के बिंदुओं को ध्यान में रखकर करीब आधा दर्जन बैठकें करने के बाद इस पर उच्च स्तरीय सहमति ली गई। इसके बाद इस योजना को अमलीजामा पहनाया गया। ताकी हॉस्पिटल आने वाले हर रोगी को चिकित्सकीय सुविधा सहजता से उपलब्ध हो सके।
पीएमओ कहिन…
पीएमओ डॉ. वी. के. खत्री से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि हॉस्पिटल आने वाले रोगियों को डॉक्टर्स तक जाने के लिए कई बार संबंधित कक्ष तक पहुंचने में कठिनाइयां होती है। इन्हीं को ध्यान में रखकर हॉस्पिटल की भौतिक स्थिति में आंशिक परिवर्तन कर चार डॉक्टर्स को एक ही कक्ष में बैठाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसी माह से यह सुविधा रोगियों को मिलने लगेगी।